राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज हरियाणा में पहुंच गई. वहीं इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस यात्रा से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला.
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कासिम खान/नूंह-मेवात: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जैसे ही हरियाणा में मुंडका बॉर्डर से प्रवेश की तो उन्होंने दोहा गांव में विशाल जनसभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि आप कड़ाके की ठंड में हमारी बात सुनने आए हैं. इसलिए आपका दिल से धन्यवाद करता हूं.
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मैं कोई तपस्वी नहीं हूं
उन्होंने कहा कि एक नेता मुझे तपस्वी बता रहे थे. मैं देश का तपस्वी नहीं हूं, मैंने कुछ बड़ा काम नहीं किया है. इस देश में मुझसे बड़े करोड़ों तपस्वी हर रोज सुबह उठकर खेतों में काम करते हैं. मजदूरी करते हैं और इन सड़कों पर पूरी जिंदगी चलते हैं. मैंने यह कोई बड़ा काम नहीं किया है. हम कन्याकुमारी से कश्मीर चल दिए हैं. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि इससे बड़ा काम इस देश के गरीब लोग किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार सब करते हैं.
जमीन से जुड़ने पर बहुत कुछ सीखा
राहुल गांधी ने कहा कि सड़कों पर चलने से बहुत कुछ सीखने को मिला जो शायद गाड़ी में, हवाई जहाज में, हेलीकॉप्टर में सीखने को नहीं मिलता है. राहुल ने कहा कि यात्रा कन्याकुमारी से श्रीनगर में हिंदुस्तान के तिरंगे को हम लहरा कर छोड़ेंगे. कोई भी शक्ति इस यात्रा को नहीं रोक सकती है. इसका कारण है कि यात्रा कांग्रेस पार्टी की नहीं है, यह लोग चल रहे हैं. मगर यात्रा हिंदुस्तान के गरीब मजदूरों के किसानों की है. छोटे दुकानदारों की है और जो करोड़ों बेरोजगार युवा हैं यह यात्रा उनकी है.
नेता और जनता के बीच बन गई खाई
राहुल गांधी ने कहा कि मुझसे बीजेपी के नेताओं ने पूछा की यात्रा की क्या जरूरत है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने की तो मैंने जवाब दिया. आपकी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा यह काम कांग्रेस पार्टी ने किया है, जब भी यह लोग इस देश में धरती में नफरत फैलाने निकलते हैं. एकदम हमारी विचारधारा के लोग बाहर निकलकर मोहब्बत और प्यार फैलाना शुरू कर देते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि यह कोई नई लड़ाई नहीं है. यह लड़ाई आज की लड़ाई नहीं. हजारों साल पुरानी लड़ाई है. इसमें दो विचारधाराएं हैं. एक विचारधारा जो चुने हुए लोगों को फायदा पहुंचाती है और दूसरा जो जनता की आवाज है. मगर इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का आज रोल है. हम सब का रोल है, इसलिए हमने यात्रा शुरू की है. यात्रा से बहुत कुछ सीखने को मिला. हम लंबे भाषण नहीं देते हैं. सुबह 6 बजे यात्रा शुरू होती है. हम आमतौर से प्रतिदिन 6-7 घंटे चलते हैं. आजकल नेताओं को आदत हो गई है. मैं हर पार्टी की बात कर रहा हूं. कांग्रेस,भाजपा, समाजवादी सब की बात कर रहा हूं. नेता और जनता के बीच में खाई बन गई है. नेता से जनता की बात सुनने की जरूरत नहीं है, जो लंबे भाषण देते हैं. इस यात्रा ने उस कल्चर को बदलने की कोशिश की है.
नफरत के खिलाफ यात्रा जरूरी
राहुल गांधी ने कहा कि सारे के सारे नेता किसानों की, मजदूरों की, युवाओं की, माताओं की, बहनों की, छोटे दुकानदारों की, छोटे उद्योगपतियों की बात चलते हैं. साथ 7 घंटे चलने के बाद धक्के खाने के बाद हम 15 मिनट का भाषण देते हैं. हिंदुस्तान की राजनीति करने का तरीका है. मुझे खुशी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और प्रदेशअध्यक्ष ने फैसला लिया है कि महीने में एक बार राजस्थान की कैबिनेट के सब नेता 15 किलोमीटर चलकर उनकी बात सुनकर काम करेंगे कि हमारी सरकार है. खड़गे को कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार बने. नफरत के खिलाफ यात्रा जरूर है. मगर दो बड़े मुद्दे हैं, जिसे हिंदुस्तान को बहुत चोट पहुंच रही है.
GST छोटे व्यापारियों को मारने का हथियार
इन सड़कों पर हजारों युवा मेरे पास आए हैं. किसी ने इंजीनियरिंग की, डॉक्टर बनना चाहता है इस यात्रा में शामिल होना चाहता है. जब मैं उनसे पूछता हूं कि भाइयों - बहनों क्या करते हो तो जवाब मिलता है उधर मजदूरी कर रहा हूं. ऐसा हिंदुस्तान हमें नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि 5 लोग जो करना चाहते हैं, वह कर लेते हैं. अरबपति हैं, लाखों-करोड़ों जो करना है कर लेते हैं और एयरपोर्ट,पोर्ट जो चाहे वह कर लेते हैं. नोटबंदी और जीएसटी छोटे व्यापारियों को मारने के हथियार हैं. राहुल गांधी ने कहा हिंदुस्तान के सबसे अमीर दो, तीन, चार लोगों को हिंदुस्तान का पूरा का पूरा धन पकड़ा दिया जाए नतीजा यह है क्या यह देश अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है. तीसरा मुद्दा महंगाई है. उन्होंने कहा कि आज 1200 रुपये का गैस सिलेंडर मिलता है. पेट्रोल और डीजल के दाम भी आसमान छू रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि मैं जब सुबह चलता हूं और शाम को रुकता हूं तो मेरे चेहरे पर उसी तरह की रौनक होती है. कोई थकान नजर नहीं आती. राजस्थान के नेता करीब 17 दिन मेरे साथ यात्रा में चले हैं, हरियाणा के नेताओं को भी 3 दिन मेरे साथ इस यात्रा में चलना है.