CDS Bipin Rawat Birth Anniversery: देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत की आज 66 वीं जयंती है. वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि वो एक महायोद्धा की तरह जिये और महायोद्धा की तरह कर्तव्यपथ पर वीरगति प्राप्त की. 


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बता दें कि देश पहले CDS को हमने 8 दिसंबर 2021 को खो दिया था. वो सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज जा रहे थे. इस दौरान एमआई-17 हेलिकॉप्टर में उनकी पत्नी मधुलिका रावत और उनके निजी स्टाफ के अन्य सदस्यों समेत कुल 10 यात्री और चालक दल के 4 सदस्य शामिल थे. तभी दोपहर 12 बजक 10 मिनट के आसपास नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इसमें ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को छोड़कर सभी की मौके पर ही मौत हो गई.


मनोहर लाल का ट्वीट
वहीं उनकी बहादुरी को याद करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया- एक महायोद्धा की तरह जिये और महायोद्धा की तरह कर्तव्यपथ पर वीरगति प्राप्त की. पद्म विभूषण, भारत के प्रथम CDS, जनरल बिपिन रावत जी की जयंती पर उन्हें विनम्र नमन. सेनाओं के आधुनिकीकरण, कौशल विकास और रक्षा रणनीति को निरंतर सुदृढ़ करने के उनके प्रयास सदैव याद रखे जाएंगे. 


चीन- पाक को कंट्रोल करने के लिए बनाई थी ये योजना
बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनका उनका खास मिशन थिएटर कमांड आज भी हमारे बीच जिंदा है. थिएटर कमांड के द्वारा बिपिन रावत चीन और पाक की नापाक हरकतों से निपटना चाहते थे. CDS रावत के अनुसार तीनों सेनाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर एक थिएटर कमांड खड़ी करना था. इसके द्वारा वो आने वाले समय में रक्षा चुनौतियों का मजबूती से सामने कर सकते हैं. जनरल बिपिन रावत देश में चार थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहे थे. वहीं उनके जानें के बाद से थिएटर कमांड का काम रुक गया था. इसके बाद इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी नए सीडीएस अनिल चौहान निभा रहे हैं.


इस कमांड का इस्तेमाल युद्ध के दौरान होता है. युद्ध के समय ही तीनों सेना प्रमुखों के बीच में तालमेल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, ताकि वो सामने आने वाली कठिन चुनौतियों से निपट सकें. थिएटर कमांड के बीच में बनी रणनीतियों के मुताबिक दुश्मन देश पर अचूक वार करना आसान हो जाता है.


थिएटर कमांड का सबसे बेहतर इस्तेमाल युद्ध के दौरान होता है. क्योंकि युद्ध के समय ही तीनों सेना प्रमुखों के बीच में तालमेल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, जिससे कि वो सामने आने वाली कठिन चुनौतियों से निपट सकें. इससे तीनों तीनों सेनाओं के संसाधनों और हथियारों का इस्तेमाल एक साथ किया जा सकता है. थिएटर कमांड के बीच में बनी रणनीतियों के मुताबिक दुश्मन देश पर अचूक वार करना आसान हो जाता है.