Bal Narendra Comic: शर्मिष्ठा सरोवर में नहाने गए नरेंद्र मोदी मगरमच्छ को पकड़कर ले आए थे घर
17th September PM Narendra Modi Birthday: नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वडनगर के एक गुजराती परिवार में हुआ था. 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए. 1985 में वे बीजेपी से जुड़ गए थे.
Narendra Modi Birthday Special: नरेंद्र मोदी ने युवा कार्यकर्ता से लेकर मुख्यमंत्री और तीन बार प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया. कैसे उन्होंने देश के विकास की एक नई गाथा लिखी, यह तो शायद सब लोग जानते होंगे, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि उनका बाल्यकाल कैसा रहा. बचपन में उन्होंने क्या-क्या किया और उससे सबक क्या लिया, इस बारे में हम सभी जानना चाहते हैं. ऐसे में हम उनके बचपन से जुड़ी कहानी कॉमिक बुक 'बाल नरेंद्र' में पढ़ सकते हैं.
शर्मिष्ठा सरोवर में नहाने के बाद सूझी शरारत
17 सितंबर 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. पीएम के बचपन से जुड़ी कहानी को कॉमिक बुक में जगह मिली हैं. पीएम के बारे में कहा जाता है कि वह छोटी उम्र से ही बहुत प्रतिभावान रहे. उन्हें तैराकी बहुत पसंद थी. ऐसी ही एक कहानी का जिक्र 'बाल नरेंद्र' में किया गया है. इसके मुताबिक जब वह अपने दोस्तों के साथ शर्मिष्ठा सरोवर में नहाने गए थे, तब वहां उन्हें मगरमच्छ का एक बच्चा दिखाई दिया. हैरानी की बात यह है कि घर लौटते समय वह सरोवर से मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर ले आ गए थे.
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2014 में मार्केट में आ गई थी कॉमिक बुक
घर पर मां हीरा बा ने नरेंद्र को समझाया और कहा कि मां से बच्चे को अलग करना बहुत गलत बात है. इसके बाद नरेंद्र मोदी मगरमच्छ के बच्चे को वापस सरोवर में छोड़ आए थे. हालांकि यह कॉमिक बुक पूरी तरह से सच होने का दावा नहीं करती. ये बस युवाओं को नरेंद्र मोदी जैसा बनने के लिए प्रेरित करने का प्रयास है. दिलचस्प बात यह है कि ये किताब 2014 में मार्केट में आ गई थी, लेकिन किसने लिखी इस बारे में कोई जानकारी नहीं और यह काफी कम संख्या में छपी थी.
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पीएम के अलग-अलग रूप
इस कॉमिक बुक में नरेंद्र मोदी को डूबते लड़के को बचाते हुए, मगरमच्छों से भरे पानी में तैरते हुए, 1962 के युद्ध में जाने वाले सैनिकों को चाय और खाना परोसते हुए, स्कूल के बदमाशों से भिड़ते हुए, अपने पिता की चाय बेचने में मदद करते हुए दिखाया गया है. इसके अलावा उनके थिएटर में अभिनय, कबड्डी खेलते हुए और एक फंसी हुई चिड़िया को बचाने का भी जिक्र किया गया है. इन सब से परे पीएम को किताबें पढ़ने का शौक है. ये सभी कहानी पीएम मोदी की हिम्मत, क्षमता और आत्मविश्वास का उदाहरण पेश करती हैं.