सर्जरी के नाम पर काटी जा रही थी मरीजों की जेब, सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टर समेत 5 गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
Saftarjang Hospital CBI Raid: आरोप है न्यूरोसर्जन मरीजों की सर्जरी के लिए जरूरी इक्विपमेंट को ज्यादा दामों पर खरीदने के लिए तीमारदारों को निश्चित दुकान पर भेजता था और उससे कमीशन लेता था.
नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत मामले में आज सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन और सर्जिकल इक्विपमेंट की दुकान के मालिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोप है न्यूरो सर्जन मरीजों को सर्जरी के लिए जरूरी उपकरण खरीदने के लिए तीमारदारों को एक निश्चित दुकान पर भेजता था और बिचौलियों की मदद से कमाई कर रहा था.
ऐसी शिकायत मिलने पर सीबीआई ने 29 मार्च को केस दर्ज कर लिया. शिकायतकर्ता के मुताबिक डॉक्टर ने मरीजों को सर्जिकल उपकरणों के लिए उनकी वास्तविक कीमत से अधिक राशि का भुगतान करने के लिए मजबूर किया. डॉक्टर की मिलीभगत से दुकान मालिक ने ज्यादा का बिल बनाकर डॉक्टर को हिस्सा दिया.
आरोप है कि हाल ही में तीन अलग मामलों में डॉक्टर के कहने पर मरीजों के तीमारदारों को दूसरे व्यक्ति के खाते में 1,15 लाख, 55 हजार और 30 हजार रुपये रिश्वत जमा कराई गई.यह भी आरोप है आरोपी डॉक्टर अवैध रूप से कमाए गए पैसों को एक कंपनी की मदद से मैनेज कर रहा था.
कई जगहों पर हुई छापेमारी
सीबीआई ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों पर रेड मारकर आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण आदि बरामद किए हैं. सीबीआई ने जिन पांच लोगों का गिरफ्तारकिया है, उनमें न्यूरोसर्जन डॉ मनीष रावत न्यूरो सर्जन, अवनेश पटेल, मनीष शर्मा, दुकान मालिक दीपक खट्टर और कुलदीप शमिल हैं. जांच एजेंसी के रडार पर दवाइयों कीखरीद-बिक्री करने वाली प्राइवेट कंपनियों के कई लोग भी हैं.