जिस वक्त विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए, वो समय उन्होंने लंबी कतारों में किया बर्बाद- हुड्डा
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जिस वक्त विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए, वो समय उन्होंने लंबी कतारों में किया बर्बाद- हुड्डा

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने CET के परीक्षा केंद्र दूर-दूर दिए जाने पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि फ्री बस सेवा के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी हर जगह हजारों युवाओं की भीड़ उमड़ रही है, जिस समय विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी थी,  वह समय उन्हें लंबी-लंबी कतारों में बर्बाद करना पड़ा.

जिस वक्त विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए, वो समय उन्होंने लंबी कतारों में किया बर्बाद- हुड्डा

विनोद लांबा/चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार द्वारा MBBS की फीस में बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग की है. हुड्डा का कहना है कि सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा से वंचित करना चाहती है. इसलिए कभी उनके ऊपर 40 लाख के बॉन्ड की शर्त थोप देती है तो कभी फीस को 50 हजार से बढ़ाकर सीधा 10 लाख कर देती है. लगातार विद्यार्थी इसका विरोध कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने भी सड़क से लेकर विधानसभा तक में इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की मांगे मानने के लिए तैयार नहीं है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीईटी के परीक्षा केंद्र दूर-दूर दिए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने विपक्ष ने जब विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था तो सरकार ने खुद गृह जिले या साथ लगते जिले में परीक्षाएं करवाने की हामी भरी थी, लेकिन एकबार फिर अपने वादे से मुकरते हुए सरकार ने बेरोजगार युवाओं को प्रताड़ित करने का काम किया है.

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उन्होंने आगे कहा कि फ्री बस सेवा के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी हर जगह हजारों युवाओं की भीड़ उमड़ रही है, जिस समय विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी थी,  वह समय उन्हें लंबी-लंबी कतारों में बर्बाद करना पड़ा. हुड्डा ने कहा कि इस सरकार के पास युवाओं को राहत देने का कोई रोडमैप नहीं है. बल्कि सरकार का हर फैसला युवाओं की परेशानी बढ़ाने वाला साबित होता है. दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसके लिए सिर्फ पराली और किसानों को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे कहा कि प्रदूषण बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान फैक्ट्रियों, वाहनों और अन्य कारकों का होता है. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारें अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हैं. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए किसानों के सिर पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है. हर सीजन में सरकार किसानों को पराली की खरीद और उसके निपटान का वादा करती है, लेकिन इसको अमलीजामा नहीं पहनाया जाता. कुछ जगह मजबूरी में या फिर दुर्घटनावश पराली में आग लग जाती है.

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उन्होंने कहा कि लेकिन इसके लिए किसानों से जुर्माने के नाम पर करोड़ों रुपये की वसूली हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. किसानों पर जुर्माना थोपने की बजाए सरकार को समस्या का कोई समाधान निकालना चाहिए. अपने बयान में हुड्डा ने आदमपुर उपचुनाव को लेकर भी प्रतिक्रिया दी और उन्होंने कांग्रेस की जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पूरे दमखम और मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा. पार्टी उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को समाज के हर तबके और 36 बिरादरी का समर्थन हासिल हुआ. यहीं वजह है कि अबतक हुए 2 उपचुनावों की तरह इसबार भी बीजेपी हारने जा रही है.

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