Chandigarh News: राम रहीम के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए डेरा सच्चा सौदा पहुंचा हाईकोर्ट, दिया यह तर्क
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Chandigarh News: राम रहीम के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए डेरा सच्चा सौदा पहुंचा हाईकोर्ट, दिया यह तर्क

राम रहीम के खिलाफ जलंधर में हुई एफआईआर को रद्द कराने को लेकर डेरा सच्चा सौदा हाईकोर्ट में पहुंचा है. डेरा सच्चा सौदा के अनुसार श्री गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज जी की जिस साखी को लेकर विवाद हो रहा है, वह पवित्र ग्रंथों में दर्ज है.

Chandigarh News: राम रहीम के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए डेरा सच्चा सौदा पहुंचा हाईकोर्ट, दिया यह तर्क

विजय राणा/चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा जालंधर में दर्ज हुई FIR के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है. आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही हैं. डेरा सच्चा सौदा का दावा है कि उनके खिलाफ तथ्यों के उल्ट झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई है, जिस वीडियो को आधार बनाया गया है, उस वीडियो को पूरा देखा ही नहीं गया है, बल्कि आधी अधूरी बात सुनकर एफआईआर (FIR) दर्ज करवा दी गई. डेरा सच्चा सौदा की तरफ से इस एफआईआर को रद्द करने की मांग पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से की जा रही है. इस पिटीशन पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.

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यहां बताने योग्य है कि जालंधर के पटारा पुलिस थाने में 7 मार्च को एक एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें यह कहा गया था कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह द्वारा श्री गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज जी के बारे में गलत टिप्पणी की गई है. इसको लेकर समुदाय के लोगों में काफी ज्यादा रोष फैला हुआ है. इस FIR में एक वीडियो का भी जिक्र किया गया है, जिसमें सत्संग के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की तरफ से श्री गुरु रविदास महाराज और सतगुरू कबीर महाराज जी की एक साखी सुनाते नजर आ रहे हैं.

डेरा सच्चा सौदा की तरफ से दावा किया जा रहा है कि श्री गुरु रविदास महाराज और सतगुरु कबीर महाराज जी की जिस साखी को लेकर विवाद हो रहा है, वह पवित्र ग्रंथों में दर्ज है. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख की तरफ से पवित्र ग्रंथों में दर्ज साखी को ही सुनाया गया था, जिस वीडियो को आधार बनाया जा रहा है, वह आधा-अधूरा है और पूरी वीडियो देखने के बाद ही यह साफ होता है कि उनकी तरफ से कुछ भी गलत नहीं बोला गया है. ऐसे में एफआईआर का आधार नहीं बनता है. FIR पूरी तरह से झूठी नजर आ रही है, जिस कारण इस एफआईआर को रद्द कर दिया जाए.

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