सर्दी ने किसानों की बढ़ाई मुसीबत, झेलना पड़ सकता है भारी नुकसान
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सर्दी ने किसानों की बढ़ाई मुसीबत, झेलना पड़ सकता है भारी नुकसान

दिल्ली में सर्दी इस वक्त अपना प्रचंड रूप ले चुकी है. हालांकि आज कोहरे की चादर दिल्ली में पसरी हुई नहीं है, लेकिन सूर्य ने अभी भी दर्शन लोगों को नहीं दिए. इस सर्दी के मौसम में लोग परेशान है, लेकिन अब प्रचंड सर्दी ने किसानों की भी मुसीबतें बड़ा दी हैं. 

सर्दी ने किसानों की बढ़ाई मुसीबत, झेलना पड़  सकता है भारी नुकसान
राजधानी दिल्ली में पड़ रही सर्दी के चलते किसानों की बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना रात के वक्त पढ़ने वाली ओस व पाले के चलते कई फसले बर्बादी की कगार पर है. वही गेहूं की फसल के लिए इस मौसम में पढ़ने वाली ओष काफी फायदेमंद भी है. गेहूं की फसल के अलावा अन्य फसलों को बचाने के लिए किसान खेतों में फसलों के ऊपर पॉलिथीन के लोटर्नल बनाकर रात को पड़ने वाले ओष व पाले से बचाने की कवायत कर रहे है. किसानों का कहना यदि फसलों को नहीं बचाया तो होगा किसानों का भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.
 
दिल्ली में सर्दी इस वक्त अपना प्रचंड रूप ले चुकी है. हालांकि आज कोहरे की चादर दिल्ली में पसरी हुई नहीं है, लेकिन सूर्य ने अभी भी दर्शन लोगों को नहीं दिए. इस सर्दी के मौसम में लोग परेशान है, लेकिन अब प्रचंड सर्दी ने किसानों की भी मुसीबतें बड़ा दी हैं. इस सर्दी में कई तरह की फसले जैसे पालक ,कर्म , सरसों , मेथी , टमाटर , सोया, हरा धनिया , आलू , घीया व तोरी आदि फसले रात को पड़ने वाली फसले ओश व पाला से प्रभावित हो रही है. किसान इन फसलों को बचाने के लिए पॉलिथीन का लोटर्नल फसलों के ऊपर बना रहे हैं, जिसमें फसलों को बचाने की कोशिश की जा रही है. कुछ किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए यह मौसम और मौसम में पड़ने वाली और ओष बहुत ही फायदेमंद साबित होती है. इसे गेहूं की फसल बहुत ज्यादा अच्छी व घनी होती है.
 
 
राजधानी दिल्ली में जिस तरीके से प्रचंड सर्दी पड़ रही है. इस सर्दी से किसानों को भारी नुकसान होने का डर सता रहा है. किसानों का कहना है कि पहले प्रदूषण के चलते फसले बर्बाद हुई. अब इस सर्दी में पढ़ने वाले ओष और पाला फसलों को नष्ट कर रहा है. फसलों को बचाने के लिए किसान रात दिन खेतों में रहकर अपनी फसलों को पॉलिथीन से ढकने की कोशिश कर रहे हैं, जरूरत है की सर्दी के मौसम में जो फसले लगाई जा रही है ओर व अब नष्ट होने की कगार पर है. उनको लेकर सरकार एक जागरूक अभियान किसानों के बीच चलाये जिसे नई पीढ़ी युवा किसान को किस मौसम में कौन सी फसल लगानी चाहिए उसे जागरुक कर सके और किसानों को भारी नुकसान से किसानों को बचाया जा सके.
इनपुट: नसीम अहमद