'भगवान राम और बाबर के बीच, कांग्रेस हमेशा बाद वाले को चुनेगी' ऐसा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा. उन्होंने साथ ही कहा कि इसलिए कांग्रेस ने 22 जनवरी को राम मंदिर अभिषेक कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार किया और यह अच्छा है.
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Ram Mandir Inauguration Invitation: 'भगवान राम और बाबर के बीच, कांग्रेस हमेशा बाद वाले को चुनेगी' ऐसा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा. उन्होंने साथ ही कहा कि इसलिए कांग्रेस ने 22 जनवरी को राम मंदिर अभिषेक कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार किया और यह अच्छा है. असम के सीएम ने कहा कि उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को खराब कर दिया होता.
#WATCH | Bhubaneswar: Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma says, "Congress committed sins all its life, they made many conspiracies to ensure that Ram temple is not built... Babar is dearer to them, and Congress feels good in going to Babar. But it doesn't feel good to come… pic.twitter.com/TggAmwwoOY
— ANI (@ANI) January 13, 2024
इससे पहले भी सीएम हिमंत ने कांग्रेस पर हमले का नेतृत्व करते हुए कहा था कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपने पिछले पापों को कम करने का अवसर खो दिया साथ ही उन्होंने कहा कि पहले तो कांग्रेस नेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर अफगानिस्तान के काबुल में बाबर के मकबरे पर राहुल गांधी की 2005 की एक तस्वीर शेयर की. साथ ही उन्होंने लिखा कि 2005 में राहुल गांधी समेत गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों ने अफगानिस्तान में बाबर के मकबरे का दौरा किया था. वहीं सवाल करते हुए लिखा कि रामलला से इतनी नफरत क्यों? आप हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों करते हैं.
Three generations of the Gandhi family, including Rahul Gandhi in 2005, visited the Babar Tomb in Afghanistan. Why is there so much hatred for Ram Lala? Why do you hate Hindus so much? pic.twitter.com/wDG1p4lp6M
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 11, 2024
कांग्रेस ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को चुनावी लाभ के लिए BJP/RSS का कार्यक्रम बताया और घोषणा की कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिन्हें आस्था है वे आज या कल मंदिर जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि विवाद बीजेपी की साजिश है.
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कांग्रेस रामलला के बजाय बाबर के सामने झुकेगी. VHP ने उन्हें अपने पापों से मुक्ति पाने का मौका दिया. वे कांग्रेस के लिए और क्या मदद कर सकते थे? वे अपने पापों को कम नहीं करना चाहते. नेहरू से लेकर राहुल तक हिमंत ने कहा, गांधी, वे सभी बाबर के मकबरे पर गए.
बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या ने शुक्रवार को इसी तरह की टिप्पणी की थी और कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है क्योंकि भक्त हनुमान चालीसा का जाप कर रहे हैं जो बुरी आत्माओं को दूर रखता है. तेजस्वी सूर्या ने कहा कि मैंने बिहार में अपने एक कार्यकर्ता से पूछा तो उनकी राय में 'घमंडिया' के नेता 22 जनवरी के समारोह के निमंत्रण को क्यों ठुकरा रहे हैं. कार्यकर्ता ने कहा कि भक्त 'भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे' श्लोक का जाप करते हैं.