साक्षी शर्मा/चंडीगढ़ : कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से की जा रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई और सेना भर्ती के लिए अपनाई गई अग्निपथ योजना के विरोध में आज हरियाणा कांग्रेस ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के नाम ज्ञापन सौंपे. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन राज्यपाल आवास और महामहिम की अनुपस्थिति के कारण उनके प्रतिनिधि को सौंपा. 


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इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के चलते संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर लगातार कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रही है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र मामले में झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है. सरकार तानाशाही की सारी सीमाएं लांघकर देश के लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास कर रही है.


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कांग्रेस का कहना है कि पिछले आठ वर्षों के दौरान भाजपा सरकार ने भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अपने निरंकुश शासन के लिए सभी विपक्षी दलों की आवाज दबाना चाहती है. अगर सरकार का यही रवैया रहा तो यह हमारे संवैधानिक मूल्यों और त्याग, संघर्ष से अर्जित की गई आजादी को कमजोर कर देगी. 


कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिस नेशनल हेराल्ड मामले में हमारे शीर्ष नेतृत्व को बेवजह परेशान किया जा रहा है, उसकी स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दास टंडन, आचार्य नरेन्द्र देव, रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं ने वर्ष 1937 में की थी, ताकि स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत आवाज दी जा सके. कांग्रेस ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे को तुरंत वापस करवाया जाए. साथ ही, कांग्रेस मुख्यालय में घुसकर मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.


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दूसरे ज्ञापन में कहा कि गया है कि सेना भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई अग्निपथ योजना को लेकर हरियाणा समेत पूरे देश के लोगों खासकर युवाओं में जबरदस्त रोष है. यह योजना न तो देशहित में है, न ही युवाओं के हित में. इस नई पॉलिसी के लागू होने के बाद जो नौजवान पिछले कई वर्षों से सेना भर्ती की आस लगाए बैठे थे न सिर्फ उनको, बल्कि उन नौजवानों जिन्होंने सेना भर्ती के लिये लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट दे दिये थे और परिणाम का इंतजार कर रहे थे, की भी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है.


देश की सुरक्षा के साथ समझौता 


अग्निपथ योजना को लेकर देशभर के नौजवानों में मायूसी है. इस योजना को तैयार करते समय इसके दूरगामी परिणामों पर पूरी तरह से विचार नहीं किया गया है. लंबे समय में इस पॉलिसी का असर बेहद बुरा होगा जो देश की सुरक्षा के हित में भी नहीं है. ऐसा लगता है कि सरकार वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी का पैसा बचाने और सैन्य बल की क्षमता को घटाकर आधा करने की नीयत से देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है. अग्निवीर के तौर पर जिन्हें सेना में भर्ती किया जायेगा, उनमें से 75 प्रतिशत जवानों को 4 साल बाद रिटायर कर दिया जाएगा. उन्हें 4 साल की नौकरी के बाद न पेंशन, न मिलिट्री अस्पताल, न कैंटीन की सुविधा मिल पाएगी. यह योजना सेना की परंपरा, प्रकृति, नैतिकता और मूल्यों पर खरी नहीं उतरती. 


अग्निपथ योजना को रद करने की मांग 


कांग्रेस का कहना है कि देश में 75 वर्षों की सबसे ज्यादा बेरोजगारी है और हरियाणा बेरोजगारी दर के मामले में नंबर 1 पर है. भयंकर बेरोजगारी के बीच ऐसी योजनाएं युवाओं के जख्मों पर नमक की तरह काम करती हैं. ऐसे में अग्निपथ योजना को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए तथा 3 साल से बंद पड़ी रेग्युलर भर्ती को पहले की भांति खोला जाए. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी उदयभान, जितेंद्र भारद्वाज, अशोक अरोड़ा, आफताब अहमद, रघुबीर सिंह कादियान, जगबीर सिंह मलिक, भारत भूषण बतरा, शकुंतला खटक, धर्म सिंह छोक्कर, जयवीर वाल्मीकि, बिशन लाल सैनी, दिव्यांशु बुद्धिराजा आदि मौजूद रहे.


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