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नई दिल्ली: शशि थरूर को हराकर मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के 98वें अध्यक्ष बन गए हैं. खड़गे ने थरूर से लगभग 8 गुना ज्यादा वोट हासिल किए. आगामी 26 अक्टूबर को वो कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में अपना पदभार ग्रहण करेंगे. इसके बाद जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का गठन भी किया जा सकता है, अध्यक्ष चुने जाने के बाद कमेटी को पुनर्गठित किया जाता है.


पार्टी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की भूमिका? 
कांग्रेस वर्किंग कमेटी, कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी संस्था को कहा जाता है, जो कांग्रेस के संविधान के अनुसार काम करती है. कमेटी में पार्टी के अध्यक्ष, संसद में पार्टी के नेता के साथ ही 23 दूसरे सदस्य भी होते हैं. इसमें से 12 सदस्यों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा और बाकी सभी सदस्यों की नियुक्ति पार्टी अध्यक्ष द्वारा की जाती है. कांग्रेस वर्किंग कमिटी के पास पार्टी अध्यक्ष को हटाने या नियुक्त करने की शक्ति भी होती है. 


50 सालों में महज 2 बार सही तरीके से हुआ CWC का गठन
कांग्रेस अध्यक्ष के बदलने के साथ ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का गठन भी किया जाता है लेकिन पिछले 50 सालों में महज 2 बार ही सही तरीके से CWC का गठन किया गया. साल 1992 में पीवी नरसिम्हा राव ने कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहते हुए CWC का गठन किया गया था. उसके बाद साल 1997 में सीताराम केसरी के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद CWC का गठन किया गया था. 


1998 के बाद सोनिया गांधी को मिली कांग्रेस की कमान
साल 1998 में पहली बार सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनी, उसके बाद से CWC का गठन का फैसला उनके द्वारा ही लिया गया. आखिरी बार साल 2018 में CWC का पुनर्गठन किया गया था, तब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे.


चुनाव नहीं होने पर कैसे होता है CWC का गठन? 
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्यों का चुनाव न होने की स्थिति में सर्वसम्मति से इसके सदस्यों को चुना जाता है. इसमें पार्टी अपने वफादार और चहेते लोगों को जगह देती है. अक्सर CWC के सदस्यों के चयन में जाति, क्षेत्र और जेंडर की अनदेखी की जाती है. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने के बाद CWC में किन नामों को जगह मिलती है. 


कांग्रेस अध्यक्ष पद का कार्यकाल
दिसंबर 1885 में कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गई, जिसके बाद व्योमेश चंद्र बनर्जी इसके पहले अध्यक्ष बने. 1885-1933 तक अध्यक्ष पद का कार्यकाल केवल 1 वर्ष का ही था. 1933 के बाद से अध्यक्ष पद के कार्यकाल के लिए कोई निश्चित समय नहीं निर्धारित किया गया. 


सोनिया गांधी रहीं सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष
पार्टी की स्थापना के बाद सोनिया गांधी सबसे ज्यादा समय तक कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहीं. साल 1998 में वो पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष बनी, उसके बाद लगातार 2017 तक, फिर 2019-2022 तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं.