Covid-19: कोरोना के नए वेरिएंट से भारत में बढ़ी टेंशन! वैक्सीन का असर भी कम, जानें कैसे करें बचाव
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Covid-19: कोरोना के नए वेरिएंट से भारत में बढ़ी टेंशन! वैक्सीन का असर भी कम, जानें कैसे करें बचाव

Covid-19 New SubVariant JN.1: हर बार कोरोना वायरस एक नए रूप में सामने आ जाता है. हाल ही में केरल के त्रिवेंद्रम में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 का मरीज मिला है, जिसके बाद से देशभर में एक बार फिर कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल शुरू हो गई है. 

Covid-19: कोरोना के नए वेरिएंट से भारत में बढ़ी टेंशन! वैक्सीन का असर भी कम, जानें कैसे करें बचाव

Covid-19 New SubVariant JN.1: वायरल बीमारियां कभी खत्म नहीं होतीं, बल्कि म्यूटेट होकर यानी नई नई शक्ल में वापस  आती रहती हैं, जिसे साइंस की भाषा में म्यूटेशन कहा जाता है. कोरोना महामारी के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. हर बार कोरोना वायरस एक नए रूप में सामने आ जाता है. हाल ही में केरल के त्रिवेंद्रम में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 का मरीज मिला है, जिसके बाद से देशभर में एक बार फिर कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल शुरू हो गई है. 

भारत में सबसे पहले सिंगापुर से भारत आई 79 साल की महिला में JN.1 वायरस की पुष्टि हुई. ये महिला 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा से वापस आई थी. 18 नवंबर को महिला का सेंपल लिया गया, जिसमें JN.1 वायरस की पुष्टि हुई. अब केरल के  त्रिवेंद्रम में  इस नए वेरिएंट का मरीज सामने आया है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक, केरल और तमिलनाडु में इस वेरिएंट के कुछ केस मौजूद हैं. हालांकि, इनसे घबराने की जरूरत नहीं है.

क्या है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1?
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 कोराना के BA.2.86 वेरिएंट का ही एक प्रकार है.यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, JN.1 और BA.2.86 के बीच स्पाइक प्रोटीन में केवल एक ही फर्क देखने को मिला है.

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WHO ने किया सावधान
WHO ने इस वेरिएंट को लेकर सावधान किया है, जिसकी वजह है इसका तेजी से म्यूटेट होना. इस वेरिएंट में अब तक 40 से ज्यादा म्यूटेशन्स हो चुके हैं, इतनी तेजी से शक्ल बदलने वाला ये कोविड का पहला वेरिएंट कहा जा सकता है. वहीं इस वेरिएंट में वैक्सीन से मिली इम्युनिटी भी काम नहीं कर रही है. यही वजह है कि भारत में इस वेरिएंट को लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. 

इस वेरिएंट का सबसे पहला मरीज लक्जमबर्ग में मिला था, जो उत्तर पश्चिमी यूरोप का एक छोटा सा देश है. वहीं JN.1 का पहला मामला संयुक्त राज्य अमेरिका में सितंबर महीने में पाया गया था. अब तक इंग्लैंड, फ्रांस, आइसलैंड, भारत सहित कई देशों में ये वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है, जिसकी वजह से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

भारत में बढ़ सकते हैं मामले
देश के अधिकतर राज्यों में इन दिनों सर्दी का सितम देखने को मिल रहा है, ऐसे में सर्दी, जुकाम और वायरल बुखार का खतरा काफी तेजी से बढ़ जाता है. ऐसे में कोविड का नया वेरिएंट लोगों को अपना शिकार बना सकते है. कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षण भी कोरोना के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं ऐसे में अपना बचाव करें और बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.   

Input- Pooja Makkar

 

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