DA Hike in Haryana: हरियाणा सरकार ने कल यानी गुरुवार को सरकारी कर्मियों को ईद के मौके पर एक बेहतरीन तोहफा दिया है. वित्त विभाग ने अपने आदेश में कहा कि 1 जनवरी 2023 से DA में 4% की बढ़ोतरी की जाएगी.
Trending Photos
DA Hike In Haryana: मनोहर सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को ईद के मौके पर एक बेहतरीन सौगात दी है. सरकार ने सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन ले रहे राज्य के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 4% बढ़ाने की घोषणा की है. फिलहाल कर्मचारियों का DA मौजूदा वेतन पर 38% है, जिसे बढ़ाकर 42% कर दिया गया है. हरियाणा सरकार के वित्त विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि यह 1 जनवरी 2023 से प्रभावी होगा. वहीं वित्त विभाग ने बताया कि बढ़ा हुआ DA अप्रैल के वेतन के साथ मिलेगा. साथ ही जनवरी 2023 से मार्च तक का बकाया मई में दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Rohtak Farmer News: किसानों के पीले सोने की हो रही बेकद्री, श्मशान घाट में बिक रहा गेहूं
बता दें कि वित्त विभाग ने सातवें वेतन आयोग के तहत पेंशन/पारिवारिक पेंशन वालों को भी सौगात दी है. विभाग ने अन्य आदेश में कहा कि प्रदेश सरकार ने महंगाई राहत (DR) में भी 4% की बढ़ोतरी की गई है. डीआर भी मौजूदा मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन के 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है. यह भी एक जनवरी, 2023 से लागू होगी.
1 लाख से ज्यादा पद खाली
बता दें कि हरियाणा सरकार के विभागों में कुल 4 लाख 45 हजार 346 स्वीकृत पद हैं. इनमें से मात्र 2 लाख 62 हजार 849 पद ही भरे हुए हैं, जबकि एक लाख 82 हजार 497 पद खाली हैं. इन पदों पर तैनात कर्मचारियों को इस नए आदेश का फायदा मिलेगा.
24 को बढ़ा था केंद्र कर्मियों का DA
वहीं मोदी सरकार ने 24 मार्च को केंद्रीय कर्मचारियों का और पेंशनरों के डीए और डीआर में 1 जनवरी 2023 से 4% की बढ़ोतरी की थी. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया था. 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 70 लाख पेंशनरों का डीए और डीआर 38% से 42% कर दिया था.
ऐसे बढ़ाया जाता है DA
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मियों को कैबिनेट ने 1 जनवरी 2023 से DA की अतिरिक्त किस्त और डीआर जारी करने की मंजूरी दे दी है. बता दें कि डीए और डीआर के बढ़ने से सरकारी खजाने पर लगभग 12,815 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ेगा. यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. DA की गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए नवीनतम उपभोक्ता मुल्य सूचकांक के अनुसार की जाती है. यह साल में दो बार संशोधित होता है.