गाजियाबाद: लोनी के थाना ट्रोनिका सिटी इलाके के एक नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. युवक को 26 जून को नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट कराया गया था और 27 जून को उसकी मौत हो गई. परिजनों ने हत्या का अंदेशा जताते हुए इसकी पुलिस से शिकायत की.


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दरअसल बीते 26 तारीख को लोनी स्थित सुख सागर नशा मुक्ति केंद्र में दिल्ली के खजूरी इलाके के निवासी एक युवक इरफान को उसके परिवार ने एडमिट कराया था. इरफान नशे का आदी था, जिसके चलते उसे बीती 26 तारीख की शाम को इस नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट कराया गया था. मिली जानकारी के अनुसार जहां संदिग्ध परिस्थितियों में उसका शव बाथरूम के अंदर फांसी के फंदे से लटका मिला. मृतक युवक इरफान की बहन का आरोप है कि उसके भाई की हत्या की गई है. 26 तारीख को उसको यहां सुख सागर नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट कराया गया था और उस दिन रात तक वह सही स्थिति में था. अगले दिन 27 तारीख रात को करीब 10:00 बजे नशा मुक्ति केंद्र से उनके पास फोन आया, जिसमें इरफान की तबीयत खराब होने और उसके कुछ खा लेने की बात उनसे कही गई. इसके बाद परिवार ने नशा मुक्ति केंद्र संचालक को युवक को किसी हॉस्पिटल में एडमिट करने के लिए कहा, तो नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने उनसे साथ चलने के लिए कहा, जिसके बाद परिवार बेसुध इरफान को लेकर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार ने गाजियाबाद के लोनी थाने में पूरे मामले की शिकायत दी.


नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी के अनुसार युवक ने टॉयलेट के अंदर चुन्नी के सहारे फांसी का फंदा लगा लिया. जब कुछ और लोग टॉयलेट जाने के लिए वहां पहुंचे तो टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद था. कुछ देर इंतजार के बाद जाकर देखने पर टॉयलेट के कमोड पर कोई भी बैठा हुआ नजर नहीं आया, जिसके बाद नशा मुक्ति केंद्र में मौजूद लोगों ने किसी तरह धक्का देकर टॉयलेट के दरवाजे को खोला. जहां युवक इरफान एक चुन्नी के सहारे फांसी के फंदे से लटका हुआ था. इसके बाद युवक को उतारा गया तो युवक की जीभ और आंखें भी बाहर आ गई थीं, जिसके बाद उसके परिवार को सूचना देकर उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.


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