Delhi: बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग काफी समय से एक अजीब मुसीबत से जूझ रहे हैं. जैतपुर मोड़, मीठापुर चौक और लव कुश चौक से गुजरने वाले लोग हर रोज भीषण जाम का सामना करना पड़ रहा है. इस रूट पर निर्माण कार्यों के अलावा ऑटो- ई रिक्शा चालकों की मनमानी इस समस्या को दिन-ब-दिन विकराल करती जा रही है. हर रोज वाहनों की लंबी कतार में फंसने की वजह से स्थानीय लोगों को मजबूरन अपने दफ्तर जाने के लिए कई घंटे पहले घर से निकलना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार इस समस्या को जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन के समक्ष रखा गया, मगर इसका कोई समाधान नहीं निकला. 


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जाम की वजह से स्थानीय लोगों का सड़क पर चलना भी दुश्वार हो गया है. रश आवर में लोगों को घर से दफ्तर जाने और दफ्तर से घर आने के लिए कई घंटे सड़क पर जाम से दो चार होना पड़ रहा है.क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि लवकुश चौक से लेकर मीठापुर और जैतपुर मोड़ तक इतना भीषण जाम होता है कि कई बार वह टाइम पर दफ्तर नहीं पहुंच पाते. एक तो पहले हम लोग घर से 2 घंटे पहले निकलते हैं और दफ्तर से वापसी के समय भी कई बार 3 से 4 घंटे लग जाते हैं. 


समस्या की वजह जान लीजिए 
बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सरजीत चौकन ने बताया कि एक तो हमारे जैतपुर मोड पर ऑटो चालक इतनी मनमानी करते हैं कि बीच सड़क पर खड़ी कर सवारियों को बैठाते हैं, जिसके वजह से पीछे से आ रहे वाहनों की रफ्तार धीमी होने लगती है जो जाम की वजह बन जाती है.



वहीं मीठापुर चौक पर पुलिया निर्माण में हो रही देरी लोगों की समस्या को बढ़ा रही है. एक ही पुल से दोनों तरफ के वाहन गुजरने से भीषण जाम की स्थिति बन जाती है. लोगों का कहना है कि यहां पुल तोड़ने से पहले नया पुल बना लेना चाहिए था.


जैतपुर मोड़ पर ई रिक्शा चालकों की मनमानियां




जैतपुर मोड़ पर ई रिक्शा चालकों की संख्या काफी ज्यादा रहती है. सवारियों को बैठाने के चक्कर में चालक पूरी रोड को घेरकर रखते हैं. हमने कई बार अपने जनप्रतिनिधि और प्रशासन से भी गुहार लगाई है कि हमारे क्षेत्र में मीठापुर चौक, जैतपुर मोड और लव कुश चौक पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किया जाए ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके, लेकिन सुनवाई न होने से समस्या जस की तस है. लोगों ने बताया कि उनके दफ्तर में शाम 6:00 बजे छुट्टी होती है और रात को 9 से 10 बजे घर पहुंचते हैं. उनका 3 से 4 घंटे का समय जाम में फंसकर बीतता है.


इनपुट: हरिकिशोर साहा