Delhi Hindi News: आतिशी ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के 17 अगस्त 2022 को किए गए ट्वीट का उल्लेख किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने का निर्णय भाजपा सरकार का है. यह ट्वीट इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर इस मामले को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती है.
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Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्याओं को बसाने का काम कर रही है. उन्होंने इस पत्र में कहा है कि यह प्रक्रिया पिछले कई वर्षों से चल रही है.
आतिशी ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के 17 अगस्त 2022 को किए गए ट्वीट का उल्लेख किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने का निर्णय भाजपा सरकार का है. यह ट्वीट इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर इस मामले को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती है.
आतिशी ने यह भी कहा कि रोहिंग्याओं को बक्करवाला के EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैटों में बसाया गया है. ये फ्लैट वास्तव में दिल्ली के गरीब लोगों के लिए बनाए गए थे. इस प्रकार, यह आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के स्थानीय निवासियों के अधिकार और सुविधाएं अब अवैध प्रवासियों को दी जा रही हैं.
हरदीप पुरी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) ध्यान भटकाने और गलत जानकारी फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने पहले ही चुनाव आयोग को अवैध रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के बारे में शिकायत की है.
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आतिशी ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि केंद्र सरकार ने बिना किसी जानकारी के दिल्ली में अवैध रोहिंग्याओं को बसाया है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट ने इस बात को स्पष्ट किया कि भाजपा शासित केंद्र सरकार जानबूझकर रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने का काम कर रही है.
आतिशी ने चेतावनी दी है कि केंद्र सरकार के इस कदम से न केवल दिल्ली की कानून-व्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि शहर के सीमित संसाधनों पर भी दबाव बढ़ेगा. यह स्थिति दिल्ली के निवासियों के लिए चिंता का विषय है.
दिल्ली के लोग इस मुद्दे पर अपनी चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि बिना दिल्ली सरकार और जनता की अनुमति के किसी भी अवैध शरणार्थी को दिल्ली में न बसाया जाए. इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि सभी रोहिंग्या शरणार्थियों की सूची और पते की जानकारी दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस को दी जाए.