Delhi Crime: दिल्ली में चोरी की वारदात लगातार बढ़ती जा रही है. हाल ही में दिल्ली से मोबाइल चोरी करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है. यह आरोपी दिल्ली से चोरी होने वाले मोबाइलों को बेच रहे थे. आरोपियों ने इसमें जुड़े एक रिसीवर्स से कनेक्शन का भी खुलासा किया है.
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Delhi Crime: 17 फरवरी को गुप्त सूचना के आधार पर शाहदरा पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की और उनके कब्जे से कुल 101 चोरी के स्नैचिंग, लूटे गए मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. बता दें कि स्पेशल स्टाफ शाहदरा जिले को जिले में लुटेरों और स्नैचरों के खिलाफ अपने अभियान में अवैध लूटे, चोरी किए गए मोबाइल फोन प्राप्त करने और परिवहन करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी.
जानकारी के अनुसार, सोहन लाल नाम का एक व्यक्ति भारी मात्रा में लूटे, चोरी, छीने गए मोबाइल फोन ले जाएगा. उपरोक्त सूचना के आधार पर जगतपुरी के क्षेत्र में छापेमारी की गई. तीन आरोपी को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से चोरी और छीने हुए 45 मोबाइल फोन बरामद किए गए. इसके बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें उपरोक्त मोबाइल फोन सलीम उर्फ बबलू निवासी जामा मस्जिद क्षेत्र से मिले थे.
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इसके बाद मोहम्मद के घर पर छापेमारी की गई. सलीम और उसके घर से चोरी/छीने हुए 56 मोबाइल फोन बरामद किए गए और आरोपी सलीम उर्फ बब्लू को गिरफ्तार कर लिया गया है. लगातार पूछताछ के दौरान, आरोपी सोहन लाल ने खुलासा किया कि वह एक मोबाइल तकनीशियन है और अपने गांव पोखरिया मठिया में एक मोबाइल मरम्मत की दुकान चलाता है, जो नेपाल सीमा के करीब स्थित है. उसके कई रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं और वह नियमित रूप से नेपाल आता जाता रहता है.
लगभग एक साल पहले उसके एक परिचित व्यक्ति राम बहादुर निवासी नेपाल ने उसे दिल्ली से बहुत कम कीमत पर चोरी किए गए मोबाइल फोन खरीदने और उन्हें नेपाल में बहुत अच्छी कीमत पर बेचने का लालच दिया. राम बहादुर ने सोहन लाल को सलीम से दिल्ली में मीना बाजार, जामा मस्जिद के पास लाल किला के सामने संडे मार्केट में मिलवाया. इसके बाद सोहन लाल को सलीम से भारी मात्रा में ऐसे मोबाइल फोन मिलने लगे और उन्होंने उन्हें अपने गांव में राम बहादुर और उसके साथियों को बेचना शुरू कर दिया.
इससे वो अच्छा पैसा कमाने लगा. इस सिलसिले में वह अक्सर दिल्ली आते रहता था. नेपाल का अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्ड इन मोबाइल फोनों का पता नहीं लगा पाता है. उसके सहयोगियों चांसी बैठा और मोंटिस कुमार ने खुलासा किया कि सोहन लाल ने उन्हें चोरी के इन मोबाइल फोनों को गुप्त रूप से ले जाने और कम समय में अच्छा पैसा पाने के लिए अपने गांव ले जाने का लालच दिया था. सलीम उर्फ बब्लू से लगातार पूछताछ की गई, जिसने आगे खुलासा किया कि कुछ साल पहले, वह दुबई से सोने की तस्करी करके अच्छी रकम कमा रहा था, जिसके चलते वह दो-तीन बार कस्टम अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया.
उन्होंने आगे कहा कि उस पर भारी जुर्माना लगाया गया और इसके कारण वह निजी साहूकारों के कर्ज के जाल में फंस गया. कर्ज की रकम चुकाने के तनाव में उसने पहले भी क्रेडिट कार्ड और कार्ड स्वाइप मशीनों से धोखाधड़ी करने की कोशिश की थी, जिसके कारण उसके खिलाफ 2 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. उन मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया गया और लगभग 2 साल जेल में बिताए. बाद में, उसने संडे मार्केट में चोरी के मोबाइल फोन के डीलरों से चोरी के मोबाइल फोन खरीदना शुरू कर दिया और पिछले एक साल से उन्हें पंजाब, एमपी, यूपी और बिहार सहित विभिन्न राज्यों के अन्य खरीदारों को बेचना शुरू कर दिया.
(इनपुटः राज कुमार भाटी)