Delhi News: उत्तर पूर्वी दिल्ली की साइबर टीम ने एक जालसाज गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर सेल ने इन आरोपियों के कब्जे से 7 मोबाइल फोन 10 सिम कार्ड 7 एटीएम कार्ड 11 चेक बुक और एक पासबुक भी बरामद की हैं.


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पुलिस के अनुसार इन साइबर ठगों ने पिछले 6 महीनों में 50 से अधिक लोगों को धोखा दिया और करीब 1,94,000 की धोखाधड़ी भी की गई. उत्तर पूर्व जिले की साइबर सेल को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि प्रीमियम का भुगतान न करने के कारण उनकी पीएनबी मेटलाइफ बीमा पॉलिसी बंद कर दी गई थी. लगभग 6 महीने के बाद उन्हें व्यक्ति का फोन आया, जिसने उन्हें प्रीमियम का भुगतान करने के लिए आश्वासन किया और उनकी पॉलिसी नवीनीकृत हो जाएगी. कॉल करने वालों ने खुद को पीएनबी मेटलाइफ अधिकारी बताया और शिकायतकर्ता को इमेज पर फर्जी पॉलिसी कागज भी भेजें और शिकायतकर्ता से 1 लाख 94 हजार रुपये 3 किस्तों में कथित रूप से रुपया देने के लिए कहा.


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शिकायतकर्ता को इस बात की भनक लग गई कि उसके साथ धोखाधड़ी की जा रही है. शिकायतकर्ता ने साइबर सेल को इस मामले की जानकारी दी. साइबर सेल की टीम ने लाभार्थी के खाते के विवरण के बारे में जानकारी एकत्र की और तकनीकी निगरानी के आधार पर नोएडा यूपी के क्षेत्र में कई छापेमारी की गई. इसके अलावा स्थानीय स्रोतों को तैनात किया गया और कथित स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर टीम सफलतापूर्वक आरोपी व्यक्ति को पकड़ने में सफल रही, जिसकी पहचान राहुल शर्मा अमीर अंसारी कलीम अंसारी निखिल कुमार के रूप में की गई. पुलिस ने जांच के दौरान बताया कि आरोपी राहुल शर्मा और आरोपी आमिर अंसारी और आकाश इस धोखाधड़ी के मुख्य मास्टरमाइंड थे.


बता दें कि दोनों एक निजी बीमा कंपनी में काम करते थे. जहां से उन्होंने बीमा पॉलिसी जारी कराने की तकनीकी सीखी और डेटा एकत्र किया वह दोस्त बन गए और अपनी नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपना खुद का काम शुरू करने का फैसला किया इन्होंने वैशाली गाजियाबाद यूपी में किराए पर एक फ्लैट लिया और लोगों के साथ पॉलिसी के नाम पर धोखाधड़ी करने लगे पुलिस के अनुसार पिछले 6 महीनों में उन्होंने 50 से अधिक लोगों को धोखाधड़ी के मामले में फंसाया और उनसे रुपये ऐंठे थे. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है और पुलिस आगे की जांच में जुट गई है.


Input: Rakesh Kumar