Delhi News: दिल्ली में सप्ताहभर में 10,000 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स और बस मार्शलों को प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में ग्राउंड जीरो पर तैनात किए जाएंगे. सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता में हुए एक उच्चतरीय बैठक में इसकी योजना तैयार की गई. बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय समेत संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि, दिल्ली सरकार के लंबे संघर्ष के बाद पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में सिविल डिफेंस वॉलेंटियरों और बस मार्शलों की नियुक्ति का रास्ता खुला था. 


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सीएम आतिशी ने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ जंग में 10,000 सिविल डिफेंस वॉलेंटियरों और बस मार्शलों को ग्राउंड जीरो पर तैनात किए जाएंगे. सप्ताह भर में इनका पंजीकरण शुरू होगा.  उन्होंने कहा कि, वाहनों को गलत तरीके से प्रदूषण सर्टिफिकेट न मिलें, इसके लिए सभी जांच केंद्रों पर सिविल डिफेंस और बस मार्शल तैनात किए जाएंगे. साथ ही ग्रैप की पाबंदियां बढ़ने के साथ दिल्ली की सीमाओं पर चेकिंग के एनफोर्समेंट टीमों के साथ बस मार्शलों की भी तैनाती होगी. प्रदूषण रोकथाम के लिए एमसीडी और डीपीसीसी एनफोर्समेंट टीमों की मदद के साथ-साथ जागरूकता अभियानों में भी मार्शलों की तैनाती होगी. उन्होंने कहा कि, भाजपा चाहे जितना परेशान करे, अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में हम दिल्लीवासियों की हर समस्या का समाधान जरूर निकालेंगे.


सीएम आतिशी ने कहा कि, दिल्ली में बसों में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए 2017-18 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली की बसों में बस मार्शल तैनात किए. ये बस मार्शल 2-3 शिफ्ट में काम करते थे. बसों में महिलाओं को कोई परेशानी होती, कोई उनसे दुर्व्यवहार करता उस समस्या को दूर करने के लिए बसों में बस मार्शल तैनात किए गए, लेकिन 2023 के अप्रैल से केंद्र सरकार ने इन बस मार्शलों को हटाने की साजिश रची. अप्रैल 2023 से इनकी तनख्वाह रोक दी.  


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उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार, आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तब बार-बार लिखित में कहा कि बस मार्शलों को तनख्वाह मिलनी चाहिए, बसों में उनकी तैनाती होनो चाहिए. मगर केंद्र सरकार ने एक साजिश के तहत अक्टूबर 2023 में 10,000 बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को नौकरी से हटा दिया. सीएम आतिशी ने कहा कि, पिछले 1 साल से ये बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर सड़कों पर संघर्ष कर रहे है, लेकिन दिल्ली सरकार, दिल्ली सरकार के मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उनका पूरा साथ दिया है. चाहे सड़क पर संघर्ष करना हो, पुलिस की लाठियां खानी हो इन बस मार्शलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोई चला है तो वो दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक है. 


उन्होंने कहा कि, आखिरकार इन बस मार्शलों का संघर्ष रंग लाया और केंद्र सरकार को इन बस मार्शलों के संघर्ष के सामने झुकना पड़ा और लगातार दिल्ली सरकार कहती आ रही थी कि इन बस मार्शलों को दोबारा नौकरी पर रखा जाए, उस प्रस्ताव को आखिरकार केंद्र सरकार को मानना पड़ा. 


सीएम आतिशी ने कहा कि कुछ बस मार्शलों को परिवहन विभाग में तैनात किया जाएगा और दिल्ली भर में तकरीबन 1000 प्रदूषण जांच केंद्र है, जहां वाहनों की प्रदूषण जांच होती है. वहां इनकी ड्यूटी लगाई जाएगी कि किसी भी गाड़ी को गलत तरीके से प्रदूषण सर्टिफिकेट न मिले. उन्होंने कहा कि, जैसे ही ग्रैप 3, 4 की पाबंदियां लगती है उसमें वाहनों के प्रकार पर भी पाबंदियां लगती है कि, किस प्रकार के वाहन दिल्ली आ सकते है या नहीं आ सकते. ऐसे में बॉर्डरों पर भी चेकिंग के लिए परिवहन विभाग के एनफोर्समेंट टीमों के साथ इन बस मार्शलों को तैनात किया जाएगा. साथ ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों जैसे- 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ़' अभियान, लोगों को ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करने के लिए जागरूक करने आदि पर भी बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वालंटियरों को तैनात किया जाएगा.


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सीएम आतिशी ने कहा कि, एक तरफ दिल्ली सरकार है जो अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में दिल्ली के लोगों के लिए काम कर रही है और दिल्ली के युवाओं को रोजगार दिलवाने की कोशिश कर रही है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार है, जिसे दिल्ली के लोगों की कोई चिंता नहीं है. चाहे भाजपा को अपने शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश को दिल्ली के खिलाफ हथियार की तरह प्रयोग करना हो पराली जलाने के लिए, गंदा पानी भेजने के लिए, युवाओं को नौकरी से हटाने के लिए. 


उन्होंने कहा कि, दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए भारत के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने ऑड-ईवन लागू किया. दिल्ली में ऑड-ईवन को सफल करने में सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स ने जगह-जगह मोर्चा संभाला. ऑड-ईवन दुनिया के कई देशों में फेल हुआ, लेकिन दिल्ली में सफल हुआ. इसके बाद दिल्ली में रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ अभियान के तहत लगभग तीन से चार हजार सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स सड़क पर मोर्चा संभालते थे और लोगों को जागरूक करते थे, लेकिन इस अभियान से पहले सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को हटा दिया गया. फिर बस मार्शल की नौकरी से उन्हें हटा दिया गया. जिसकी वजह से उन्हें अपनी जीवनयापन करने में भी समस्या आने लगी. 


पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, तबसे लगातार हमारी सरकार की यह कोशिश है कि इन्हें वापसी बहाल किया जाए, और तमाम लड़ाइयों को लड़ते हुए आज वो दिन फिर वापस आ गया है कि दिल्ली के सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स, दिल्ली के ग्रीन वॉरियर्स बनकर अब सड़क पर उतरने जा रहे हैं.