सोनिया और राहुल गांधी को ED ने भेजा समन, 2000 करोड़ का है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय ED ने नेशनल हेराल्ड मामले मे कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. एजेंसी ने राहुल गांधी को 2 जून और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ED ने नेशनल हेराल्ड मामले मे कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. एजेंसी ने राहुल गांधी को 2 जून और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है. दोनों पर आरोप है कि इन्होनें नवंबर 2010 में यंग इडिंया नाम से एक कंपनी बनाई थी. कंपनी में दोनों के 76 % शेयर थे और सिर्फ 50 लाख देकर नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर मालिकाना हक ले लिया. यंग इंडिया कंपनी के शेयर राहुल और सोनिया गांधी के अलावा मोतिलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास थे.
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इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा भी आरोपी है. हालांकि मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है. सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में इस मामले में निचली अदालत से जमानत मिली हुई है, क्योंकि ये मामला सीधा दिल्ली की अदालत में ले जाया गया था. इसके बाद ED ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी.
एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) नेश्नल हेराल्ड नाम से हिंदी, अंग्रेजी और उदू भाषा में अखबार निकालता था और इसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में शुरू किया था. देश की आजादी से पहले ये अखबार स्वत्रंता सेनानियों की आवाज था. आजादी के बाद ये अखबार कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन कर रह गया था, लेकिन धीरे-धीरे ये अखबार बंद होने की कगार पर आ गया था. इसे चलाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने गलत तरीके से 90 करोड़ का बिना ब्याज लोन दिया था, लेकिन ये अखबार चल नहीं पाया और साल 2008 में पूरी तरह से बंद हो गया था. आरोप है कि साल 2010 में राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम से कंपनी बनायी और कांग्रेस पार्टी को 50 लाख देकर नेशनल हेराल्ड का 90 करोड़ का कर्ज माफ करा दिया और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की 2000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति यंग इंडिया यानी राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास आ गयी.
केंद्र सरकार ने साल 2018 में दिल्ली के ITO पर हेराल्ड बिल्डिंग को खाली कराने के नोटिस भी AJL को भेजा था. सरकार ने कहा था कि इस बिल्डिंग को अखबार के प्रिटिंग और पब्लिशिंग के लिए 1962 में लीज पर दिया गया था, लेकिन इसमें अखबार से जुड़ा कोई काम नहीं हो रहा है. इसलिए लीज खत्म की जाती है और बिल्डिंग को खाली कराने का नोटिस दिया.
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए स्वामी से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए सभी 5 आरोपियों सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी.
हालांकि, इस नोटिस के जवाब में राहुल और सोनिया गांधी पहले दिल्ली हाइकोर्ट गए था और जब वहां से स्टे ऑर्डर नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट गए. सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 में अगले आदेश तक सरकार की कारवाई पर रोक लगा दी थी. अप्रैल महिने में एजेंसी ने इस मामले की जांच के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी. इसके बाद माना जा रहा था कि जल्द ही ED राहुल और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजेगी.
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