Delhi: फर्जी OBC सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, कार्यकारी मजिस्ट्रेट सहित 4 गिरफ्तार
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Delhi: फर्जी OBC सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, कार्यकारी मजिस्ट्रेट सहित 4 गिरफ्तार

Delhi Crime News: दिल्ली क्राइम ब्रांच को अवैध रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्यकारी मजिस्ट्रेट सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Delhi: फर्जी OBC सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, कार्यकारी मजिस्ट्रेट सहित 4 गिरफ्तार

Delhi News: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इसके साथ ही सैकड़ों अवैध जाति प्रमाण पत्र भी बरामद किये हैं. पुलिस ने इस मामले में संगम विहार निवासी सौरभ गुप्ता को अरेस्ट किया है.आरोपी के बयान के आधार पर इस गिरोह के 3 अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है. इसमें कार्यकारी मजिस्ट्रेट भी शामिल हैं. 

दिल्ली क्राइम ब्रांच को अवैध रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर पुलिस  इंस्पेक्टर सुनील कुमार कालखंडे ने एक फर्जी आवेदक, जो सामान्य श्रेणी से संबंधित है को 13 मार्च को ओबीसी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए भेजा. आवेदक को राजस्व विभाग, दिल्ली सरकार द्वारा ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किया गया. आरोपी ने उनसे इस प्रमाण पत्र के लिए 3500 रुपये लिए थे. इसे दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया था. 

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20 मार्च को सामान्य श्रेणी से संबंधित एक और फर्जी आवेदक को ओबीसी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए भेजा गया. उसके द्वारा 3000 रूपये का भुगतान करने के बाद उसे भी ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किया गया था. यह दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर भी दिखा रहा था. दोनों फर्जी आवेदकों ने कथित व्यक्ति के खाते में ऑनलाइन माध्यम से भुगतान किया था. 

फर्जी आवेदकों और गुप्त मुखबिर द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर इंस्पेक्टर सुनील कुमार कालखंडे के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसने संगम विहार के इलाके में जाल बिछाया और संगम विहार निवासी 30 वर्षीय सौरभ गुप्ता को गिरफ्तार किया. उसके मोबाइल फोन के डेटा की जांच करने पर पता चला कि फर्जी आवेदकों और उसके बीच चैट हुई थी. इसके अलावा, उसके मोबाइल फोन के डेटा में कई दस्तावेजों के स्नैपशॉट और पीडीएफ फाइलें भी मिलीं. 

आरोपी उन दस्तावेजों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. लगातार पूछताछ करने पर, वह टूट गया और उसने स्वीकार किया कि उसने फर्जी आवेदकों को कार्यकारी मजिस्ट्रेट, राजस्व विभाग, दिल्ली कैंट, दिल्ली सरकार के कार्यालय से ये ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किए थे. इसके बाद एफआईआर संख्या 101/2024, धारा 420/468/120 बी आईपीसी के तहत पीएस क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया गया और इंस्पेक्टर सुनील कुमार द्वारा जांच की गई. आगे की जांच में आरोपी आरोपी चेतन यादव जो एक ठेकेदार के माध्यम से तहसीलदार, दिल्ली कैंट के कार्यालय में काम कर रहा था और वारिस अली जो तहसील अधिकारी, दिल्ली कैंट में नरेंद्र पाल सिंह (कार्यकारी मजिस्ट्रेट) का चालक था और नरेंद्र पाल सिंह, कार्यकारी मजिस्ट्रेट, दिल्ली कैंट, राजस्व विभाग, दिल्ली सरकार को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया. 

पूछताछ के दौरान आरोपी सौरभ गुप्ता ने खुलासा किया कि जनवरी, 2024 के महीने में, वह एक चेतन यादव के संपर्क में आया, जो पहले एक ठेकेदार के माध्यम से तहसीलदार, दिल्ली कैंट के कार्यालय में दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1076 सेवा प्रदाता के रूप में काम कर रहा था और वारिस अली जो चालक था. नरेंद्र पाल सिंह (कार्यकारी मजिस्ट्रेट) तहसील अधिकारी, दिल्ली कैंट उन्होंने राजस्व विभाग से विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र जारी करके पैसे कमाने की योजना बनाई. वह उम्मीदवार की ओर से प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राजस्व विभाग, दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर आवेदन करता था और अपने नकली दस्तावेज जैसे कि निवासी प्रमाण पत्र, रिश्तेदार के परिवार के किसी अन्य सदस्य का जाति प्रमाण पत्र और पहचान दस्तावेज अपलोड करता था. इसके बाद, वह आवेदक का विवरण और आवेदन संख्या आदि चेतन यादव को साझा करता था और ऐसे प्रत्येक मामले के बदले में पैसे भी ट्रांसफर करता था.

Input- Raj Kumar Bhati

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