Delhi News: रिज एरिया में पेड़ों की कटाई के मसले पर SC में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों को कहा कि मीटिंग बुलाकर इस पर चर्चा करें कि राजधानी में 'ग्रीन कवर' को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में पेड़ के कटने का खमियाजा लोग तापमान में बढ़ोतरी के तौर पर महसूस कर रहे हैं. 


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रिज में काटे गए पेड़ों पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित अधिकारियों को विस्तृत स्थिति रिपोर्ट और वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट कल सुबह 11 बजे तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.


इस मामले में सुनवाई में कोर्ट ने राजधानी में पेड़ों की गैरकानूनी कटाई के मद्देनजर दिल्ली सरकार, वन विभाग, ट्री ऑथोरिटी, एमसीडी और डीडीए को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने वन विभाग के सचिव से कहा है कि वो एक्सपर्ट कमेटी की मौजदूगी में सभी विभाग के अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर राजधानी में ग्रीन कवर बढ़ाने के उपाय पर विचार करें.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने DDA से एक बार फिर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या उनकी इजाजत के बिना रिज एरिया में पेड़ों की कटाई करने का आदेश DDA के चैयरमैन यानी उप राज्यपाल की ओर से दिया गया था. कोर्ट ने अपने पिछले निर्देश के मुताबिक एलजी की विजिट के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध न कराने के लिए डीडीए को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि डीडीए अपने बड़े लोगों को बचाने के लिए छोटे अधिकारियों पर दोष मढ रहा है.


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दरअसल, दिल्ली के रिज एरिया में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को धता बताकर बड़े पैमाने पर हुई पेड़ों की कटाई के मसले को लेकर DDA के वाइस चेयरमैन अदालत की अवमानना की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. 24 जून की हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास उपलब्ध मैटेरियल के आधार पर नोट किया था कि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की ओर से कॉन्ट्रेक्टर को भेजे गए मेल में एलजी के उस जगह का दौरा कर, पेड़ काटने को लेकर उनकी इजाजत देने का जिक्र किया है. क्योंकि इंजीनियर ने अपनी तरफ से इस तरह के मेल भेजे जाने की बात से इनकार किया था. लिहाजा उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या वाकई एलजी ने उस जगह का दौरा कर पेड़ की कटाई का कोई निर्देश दिया था.


आज डीडीए की तरफ से पेश वकील मनिंदर सिंह ने इस बारे में स्पष्टता के लिए कोर्ट से थोड़ा और वक्त दिए जाने की मांग की. हालांकि कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमने बहुत छोटी सी जानकारी आपसे मांगी थी, आप यह जानकारी भी उपलब्ध नहीं कर पाए. कोर्ट ने सवाल किया कि क्या डीडीए के वाइस चेयरमैन ने एलजी की मीटिंग में मौजूद अधिकारियों से बात कर इस बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की है?


सुनवाई के दौरान डीडीए के वकील ने कहा कि एलजी के दौरे के समय इंजीनियरिंग विभाग के सदस्य अशोक कुमार गुप्ता मौजूद थे.  इसके मद्देनजर कोर्ट ने अशोक कुमार गुप्ता को भी निर्देश दिया कि वो हलफनामा दाखिल कर बताए कि वास्तव में क्या हुआ और क्या एलजी द्वारा कोई निर्देश जारी किए गए थे. कोर्ट ने कहा गुप्ता इस मामले में हलफनामा डीडीए अधिकारी की हैसियत से नहीं बल्कि इस कोर्ट के अधिकारी के रूप में दाखिल करें. 


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