Trending Photos
Delhi News: भाजपा की गंदी राजनीति के चलते बेरोजगार हुए 10 हजार बस मार्शलों को आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार स्थाई तौर पर नियुक्त करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों द्वारा एक प्रस्ताव भेजकर एलजी साहब से मार्शलों को स्थाई करने के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की जाएगी. इस संबंध में सीएम आतिशी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें सर्व सम्मति से बस मार्शलों को स्थाई तौर पर नियुक्त करने पर सहमति बनी. बैठक में लिए गए फैसले के संबंध में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ प्रेसवार्ता कर सीएम आतिशी ने बताया कि बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का मुद्दा सर्विसेज के तहत केंद्र सरकार के अधीन है, जबतक केंद्र सरकार पॉलिसी नहीं बनाती है तब तक दिल्ली सरकार दस हजार मार्शलों को बसों में तैनात करेगी.
दिल्ली सरकार के फैसले से गरीब परिवारों के युवाओं को रोजगार मिलेगा और बसों में महिलाएं दोबारा सुरक्षित महसूस कर सकेंगी. एलजी साहब या केंद्र सरकार बस मार्शल के लिए जो भी पॉलिसी बनाए, चाहे उनकी बहाली हो या उन्हें पक्की नौकरी पर लगाया जाए, उनकी सारी तनख्वाह दिल्ली सरकार देगी.
उन्होंने कहा कि, "जो महिलाएं दिल्ली में पढ़ाई करती है, काम करती है, पली बढ़ी है वो अच्छे से जानती है कि, डीटीसी बसों में उनके लिए सफर करना कितना मुश्किल होता है. किस तरह उनके साथ बदतमीजी होती है, अभद्र व्यवहार होता है. महिलाओं के साथ उस अभद्र व्यवहार को रोकने के लिए डीटीसी बसों में बस मार्शलों को तैनात किया गया. 2015 से डीटीसी बसों में 2 शिफ्टों में महिलाओं-बुजुर्गों-बच्चों की सुरक्षा को लेकर मार्शलों की नियुक्ति हुई, लेकिन 2023 से भाजपा ने अपने अफसरों के माध्यम से बस मार्शल की इस स्कीम में विघ्न डालने का काम किया. पहले अप्रैल 2023 से बस मार्शलों का वेतन रोक लिया गया और फिर अक्टूबर 2023 से सारे बस मार्शलों को नौकरी से हटा दिया.
ये भी पढ़ें: Haryana School Timing Change: हरियाणा में बदली स्कूलों की टाइमिंग, जानें नया समय
सीएम आतिशी ने कहा कि, पिछले 1 साल से बस मार्शलों ने सड़कों पर संघर्ष किया. आम आदमी पार्टी के विधायकों ने, आप सरकार के मंत्रियों ने सड़क पर उतरकर बस मार्शलों के संघर्ष में उनका साथ दिया. पुलिस की लाठियां खाई, गिरफ्तार हुए. आखिरकार ये संघर्ष सफल हुआ और केंद्र सरकार को झुकना पड़ा. इसके बाद कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार ने फैसला लिया कि आने वाले 4 महीने के लिए प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में बस मार्शलों को तैनात किया जाएगा.
सीएम आतिशी ने कहा कि, इसके बाद भी एक बहुत बड़ा मुद्दा दिल्लीवालों के सामने और दिल्ली सरकार के सामने है, वो महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. बस मार्शलों के बसों में न होने से महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही है और बसों में दोबारा उनके साथ अभद्र व्यवहार होना शुरू हो गया है. बस मार्शल न होने से बुजुर्ग भी डीटीसी बसों में असुरक्षित महसूस कर रहे है.
सीएम आतिशी ने कहा कि, दिल्ली सरकार के सभी मंत्री बस मार्शलों को स्थायी करने को लेकर एलजी साहब की प्रस्ताव भेजेंगे और हमारा एलजी साहब से अनुरोध है कि बस मार्शलों की नियुक्ति और महिला सुरक्षा का मुद्दा उनके कार्यक्षेत्र में आता है. ऐसे में वो जल्द से जल्द मार्शलों को स्थायी तौर पर बसों में नियुक्त करने के लिए एक पॉलिसी बनाए ताकि 2 शिफ्टों में हर बस में उन्हें तैनात किया जा सके और महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सके.
सीएम आतिशी ने कहा कि, "ऐसे में हम एलजी साहब को प्रस्ताव भेजेंगे कि जो 10,000 बस मार्शल दिल्ली की बसों में 31 अक्टूबर 2023 तक ड्यूटी पर तैनात थे उन्हें तुरंत प्रभाव से बसों में मार्शल के रूप में तैनात किया जाए. और वो तबतक बसों में तैनात रहे जबतक उनकी स्थायी नियुक्ति नहीं होती है। ताकि दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा बनी रही.
उन्होंने कहा कि, मुझे उम्मीद है कि इस प्रस्ताव पर एलजी जल्द मोहर लगाएंगे ताकि दिल्ली की महिलाएं-बच्चे-बुजुर्ग बसों में एक बार फिर सुरक्षित महसूस कर सफर कर सकें. दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि बस मार्शलों की वर्तमान में नियुक्ति हो या स्थायी होने के बाद जितने भी फण्ड की जरूरत होगी उसका सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी.