Rajendra Nagar: 5 मिनट में 3 लोगों की कब्रगाह बन गया राव आईएएस सेंटर, वजह ये तो नहीं?
Delhi Flood: ओल्ड राजेंद्र नगर में तीन लोगों के मौत की वजह खराब ड्रेनेज सिस्टम भी हो सकता है. सड़कों पर जलभराव के कारण बचावकर्मियों को बेसमेंट से पानी में काफी मशक्कत करनी पड़ी. मजिस्टेट इस मामले की जांच कर रिपोर्ट आज सरकार को सौपेंगे.
Rajendra Nagar: ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार को हुई भरी बारिश के बाद बेसमेंट में चल रही राव आईएएस सेंटर में लबालब पानी भर गया. हादसे के वक्त वहां करीब 30 बच्चे थे, जिनमें से 27 निकलने में कामयाब हो गए पर दो छात्राओं समेत तीन की डूबकर मौत हो गई. हादसे के बाद दिल्ली की मंत्री आतिशी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दे दिया है. साथ ही 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. घटनास्थल पर मौजूद छात्रों ने बताया कि बारिश के बाद 5 मिनट के अंदर बेसमेंट में पानी भर गया. सभी जल्दी से निकल आए पर तीन लोग वहीं फंस गए.
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दिल्ली फायर अफसर अतुल गर्ग के मुताबिक हमें हादसे की सूचना 7.15 बजे मिली. तीन लोगों के फंसे होने की जानकारी दी गई थी. कुछ ही देर में वहां दमकल के पांच वाहन भेज दिए गए. बेसमेंट में पानी ऊपर तक भरा था. बिजली न होने से अंधेरा था और गंदा होने की वजह से पानी में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.
एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू में जुट गई. पंप लगाकर पानी को बेसमेंट से निकालने का काम शुरू हुआ. चूंकि सड़कें भी पानी से भरी थीं. ऐसे में पानी बार-बार बेसमेंट में लौटकर आ रहा था. इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में वक्त लग गया.
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दिल्ली के मंत्री आतिशी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट जांच शुरू करें और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करें. आतिशी ने कहा कि जिसकी लापरवाही की वजह से हादसा हुआ, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और जो भी दोषी पाया जाए उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए और प्राथमिकता के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
आखिर बेसमेंट में पानी कैसे भरा?
दरअसल मानसून आने से पहले दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि इस बार दिल्ली में बाढ़ नहीं आएगी, लेकिन हर बारिश के बाद दिल्ली में जगह-जगह भीषण जलभराव देखा गया. इसका एक कारण नालों और सीवर का जाम होना भी रहा. अगर ओल्ड राजेंद्र नगर की बात की जाए तो यहां बाकी कई जगहों की तरह ओल्ड राजेंद्र नगर में भी लोगों ने अपनी सुविधा को देखते हुए नालों के ऊपर स्लैब डाल रखी है. अतिक्रमण के कारण जगह-जगह नालियों की सफाई या तो होती नहीं या फिर सही तरीके से हो नहीं पाती. जैसा कि फायर ऑफिसर ने बताया कि पंप से निकालने के बावजूद पानी बैक मार रहा था. जाहिर है कि सड़क पर भरा पानी काफी देर तक नालियों से नहीं निकल पाया और रेस्क्यू ऑपरेशन में टाइम लग गया.