बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर एक बार फिर से जहर उगला है. इस बार बाबा रामदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कोविड संक्रमण का शिकार होने पर बोला कि तीन बार वैक्सीन की डोज लेने के बावजूद वे संक्रमित हो गए. यह एलोपैथी की नाकामी को दिखाता है.
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नई दिल्ली: कोविड से निपटने में वैक्सीन की उपयोगिता और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कोविड संक्रमण का शिकार होने को लेकर बाबा रामदेव की टिप्पणी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि बाबा रामदेव का बयान खुद आयुर्वेद की साख को गिराने वाला है. यही नहीं, इस तरह के बयान के चलते भारत के दूसरे देशों के साथ संबंध भी प्रभावित हो सकते हैं.
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दरअसल आज सुनवाई के दौरान वकील अखिल सिब्बल ने बाबा रामदेव के बयान की जानकारी हाईकोर्ट को दी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि रामदेव ने 4 अगस्त को हरिद्वार में बयान दिया है कि तीन बार वैक्सीन की डोज लेने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कोरोना संक्रमित हो गए. ये एलोपैथी की नाकामी को दिखाता है. एलोपैथी 200 साल भी पुरानी नहीं है और ये दुनियां को बर्बाद कर रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट में डॉक्टरों की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोनिल के प्रचार के वक्त बाबा रामदेव ने एलोपैथी चिकित्सा और इसके डॉक्टरों को लेकर अनर्गल आरोप लगाए है. पिछली सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनो पक्षों से आपस में बातकर गतिरोध खत्म करने को कहा था. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने रामदेव को कोरोनिल को लेकर उचित स्पष्टीकरण जारी करने को भी कहा था.
आज बाबा रामदेव के वकील पी. वी. कपूर ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों की आशंकाओं को देखते हुए नया ड्राफ्ट तैयार किया है. वहीं डॉक्टरों की ओर से वकील सिब्बल ने कहा कि रामदेव की ओर से जारी ये नया स्पष्टीकरण भी भ्रमित करने वाला है. अखिल सिब्बल ने कहा कि एक ओर दोनों पक्ष आपसी बातचीत के जरिये मसला सुलझाने का दावा कर रहे हैं. इसी बीच बाबा रामदेव ने 4 अगस्त को फिर एलोपैथी को निशाना बनाने वाला बयान दे दिया है. आज कोर्ट में अखिल सिब्बल की दलील पूरी हो गई. अगले मंगलवार से बाबा रामदेव की ओर से पी वी कपूर दलील रखेगें. कोर्ट ने संकेत दिया कि इस मामले में हर रोज सुनवाई कर सकता है.