Delhi: हाईकोर्ट ने फॉरेन करेंसी से जुड़े केस में हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन को दी बड़ी राहत, समन किया रद्द
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Delhi: हाईकोर्ट ने फॉरेन करेंसी से जुड़े केस में हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन को दी बड़ी राहत, समन किया रद्द

Pawan Minjal News: DRI ने विदेशी मुद्रा को अवैध तरीके से कई देशों में भेजने का केस दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने दावा किया था कि SEMPL ने उन कर्मचारियों के नाम पर भी फॉरेन एक्सचेंज एंड ट्रेवल फॉरेक्स कार्ड जारी किए, जिन्होंने विदेश यात्रा भी नहीं की थी.

 

Delhi: हाईकोर्ट ने फॉरेन करेंसी से जुड़े केस में हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन को दी बड़ी राहत, समन किया रद्द

Delhi News: हाईकोर्ट ने बुधवार को फॉरेन करेंसी से जुड़े एक मामले में हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन कांत मुंजाल को जारी किए गए समन को रद्द कर दिया. यह केस राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने दर्ज कराया था. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने मुंजाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. याचिका में ट्रायल कोर्ट के 1 जुलाई 2023 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें शुल्क अधिनियम के तहत उनके खिलाफ समन जारी किया गया था. पिछले साल नवंबर में हाईकोर्ट ने मुंजाल के खिलाफ डीआरआई द्वारा दर्ज विदेशी मुद्रा से संबंधित कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. 

निजी खर्च के लिए फॉरेन करेंसी की गई एक्सपोर्ट 
दरअसल 2022 में DRI ने सर्विस प्रोवाइडर कंपनी साल्ट एक्सपीरियंस एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (SEMPL) के अलावा मुंजाल, अमित बाली, हेमंत दहिया, के आर रमन समेत अन्यके खिलाफ फॉरेन करेंसी को अवैध तरीके से ले जाने को ले जाने की शिकायत दी थी. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. दिल्ली की एक अदालत में यह शिकायत सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 135 (शुल्क या निषेध की चोरी) के तहत दर्ज की गई थी.

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विदेश यात्रा के बिना जारी किए गए फॉरेक्स कार्ड 
ईडी ने आरोप लगाया है कि SEMPL ने 2014-2015 से 2018-2019 की अवधि के दौरान विभिन्न देशों में लगभग 54 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा  अवैध रूप से भेजी गई, जिसका उपयोग अंततः पीके मुंजाल के निजी खर्चों के लिए किया गया. जांच के दौरान सामने आया कि एसईएमपीएल ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों जैसे हेमंत दहिया, मुदित अग्रवाल, अमित मक्कड़, गौतम कुमार, विक्रम बजाज और केतन कक्कड़ के नाम पर लगभग 14 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा जारी कराई गई.

यह राशि प्रतिवर्ष भेजी जा सकने वाली 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर की सीमा से काफी अधिक है. कंपनी ने उन अन्य कर्मचारियों के नाम पर भी भारी मात्रा में फॉरेन एक्सचेंज एंड ट्रेवल फॉरेक्स कार्ड जारी किए, जिन्होंने विदेश यात्रा भी नहीं की थी.

मुंजाल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को दी चुनौती 
याचिकाकर्ता ने पिछले साल जुलाई के आदेश के अलावा एसीएमएम के समक्ष लंबित शिकायत को रद्द करने की भी मांग की थी. मुंजाल के वकील ने दलील दी थी कि ट्रायल कोर्ट का आदेश बिना कोई कारण बताए यांत्रिक रूप से पारित किया गया था.

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