बारिश की वजह से अब फ्लाइट नहीं होंगी रद्द, दिल्ली के एक नाले से दूर होगी यात्रियों की समस्या
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बारिश की वजह से अब फ्लाइट नहीं होंगी रद्द, दिल्ली के एक नाले से दूर होगी यात्रियों की समस्या

IGI हवाई अड्डे से नजफगढ़ नाले तक बारिश के पानी से छुटकारा दिलाने के लिए ड्रेन परियोजना शुरू की गई है, आज LG इस परियोजना का निरीक्षण करने पहुंचे. 

बारिश की वजह से अब फ्लाइट नहीं होंगी रद्द, दिल्ली के एक नाले से दूर होगी यात्रियों की समस्या

नई दिल्ली: LG वीके सक्सेना आज आईजीआई एयरपोर्ट ड्रेन परियोजना पर काम की प्रगति का निरीक्षण करने पहुंचे. इस परियोजना का उद्देश्य मानसून के दौरान आईजीआई हवाई अड्डे और आसपास के द्वारका सेक्टर में बाढ़ और जलभराव से बड़ी राहत प्रदान करना है. यह परियोजना इस साल G-20 शिखर सम्मेलन के लिए मानसून के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों के परेशानी मुक्त आवागमन को भी सुनिश्चित करेगी.

IGI एयरपोर्ट ड्रेन परियोजना, आईजीआई हवाई अड्डे से नजफगढ़ नाले तक बारिश के पानी से छुटकारा दिलाएगी. जो दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा LG के मार्गदर्शन में शुरू की गई है. इस परियोजना के जून 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

यह प्रमुख परियोजना पिछले दो वर्षों से दिल्ली सरकार से पेड़ काटने/स्थानांतरण की लंबित अनुमति के कारण अटकी हुई थी. एलजी के हस्तक्षेप के बाद ही पेड़ के स्थानांतरण की अनुमति दी गई और 20 नवंबर, 2022 को हवाई अड्डे के नाले पर काम शुरू हुआ.

LG पिछले तीन महीनों में हवाई अड्डे के नाले के 5 दौरे कर चुके हैं. आज LG ने रेलवे ट्रैक के नीचे पुलिया के निर्माण स्थल और द्वारका सेक्टर-8 में साइट का निरीक्षण किया. इस दौरान अधिकारियों को जनशक्ति और अन्य संसाधनों को बढ़ाने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि जल निकासी का काम जल्द से जल्द पूरा करें.

आईजीआई हवाई अड्डे पर मौजूद 2 नालियां हवाई अड्डे से बारिश के पानी के निकलने के लिए अपर्याप्त साबित हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर भारी बारिश के दौरान आईजीआई हवाई अड्डे और उसके आसपास गंभीर जलभराव हो जाता है. बारिश का पानी जमा होने के कारण कई फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ता है. कई दिनों तक फ्लाइट ठप्प रहने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जलभराव की वजह से द्वारका सेक्टर-8 में बाढ़ जैसे हालत निर्मित हो जाते हैं, जिसकी स्थानीय निवासियों द्वारा की बार शिकायत भी की जा चुकी है. 

DDA द्वारका क्षेत्र में 05 जल निकाय भी बना रहा है, जिनका उपयोग मानसून के दौरान बारिश के पानी के भंडारण के लिए किया जाएगा. इनका काम पूरा हो जाने के बाद इन जल निकायों में पानी की कुल भंडारण क्षमता 1.22 लाख घन मीटर होगी, जो बारिश के पानी को सड़कों पर बहने से रोकेगा.

वीके सक्सेना ने कहा कि हवाई अड्डे के नाले के निर्माण के साथ जल निकायों के निर्माण से हवाई यात्रियों और द्वारका के स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान, हवाई अड्डे के साथ-साथ द्वारका की सड़कों से बहते पानी को इन जल निकायों में प्रवाहित किया जा सकता है.

हवाईअड्डे का नाला तेज बारिश के दौरान प्रति सेकेंड 70 सीयूएम पानी छोड़ने में सक्षम होगा. नाला आईजीआई हवाईअड्डा परिसर के अंदर से शुरू होगा, द्वारका सेक्टर-8 में हवाई अड्डे की सीमा से सटे एक चौड़ी पुलिया के माध्यम से रेलवे पटरियों के नीचे से गुजरेगा और डीडीए के ट्रंक ड्रेन -2 (टीडी-2) से जुड़ जाएगा जो बारिश के पानी को आगे बढ़ाएगा. नजफगढ़ ड्रेन के लिए एयरपोर्ट का नाला 20 मीटर चौड़ा और 2 मीटर गहरा होगा.