Manish Sisodia Bail Plea: कोर्ट ने सुनीं ED की दलीलें, पूर्व डिप्टी सीएम को दिया 18 अप्रैल का समय
Manish Sisodia Bail Plea: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर ED की दलील पूरी हुई. राऊज एवेन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी.
इस मामले में दिल्ली आबकारी नीति में भ्रष्टाटार करने के आरोप में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी जांच कर रही है.
सुनवाई में ED ने दलील रखते हुए जज को केस डायरी दिखाया. ED ने कहा कि मामले में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं, जिसके लिए हम कोर्ट को केस डायरी दिखा रहे है. सिसोदिया के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा अगर केस डायरी से किसी बात को कोर्ट संज्ञान में ले रहा है तो उसको हमको भी दिखाया जाना चहिए.
वहीं ED ने सिसोदिया की उस दलील का विरोध किया, जिसमें कहा गया कि उनपर मनी लांड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है क्योंकि उनके पास से एक भी पैसा नहीं मिला है. बता दें कि मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी बिना अधिकार क्षेत्र के उनकी जांच कर रहा है. ईडी का अधिकार क्षेत्र सिर्फ अपराध की आय के साथ मनी-लॉन्ड्रिंग तक का है. अगर ईडी की बात मान लि जाए तो पुलिस/सीबीआई का अधिकार क्षेत्र पूरी तरह से ईडी के पास चला जाएगा. यह कानूनी प्रावधानों के बिल्कुल खिलाफ है. ईडी के पास मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
साथ ही सिसोदिया के वकील ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि पिछले एक साल से जांच चल रही है और जमानत मिलनी चाहिए. इसी कड़ी में ईडी ने कहा कि क्या अदालत यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जमानत मिलने के बाद गवाह और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
साथ ही शराब घोटाले को लेकर ईडी ने कहा कि अगर लिक्कर पॉलिसी सही थी तो सिसोदिया द्वारा पॉलिसी के पक्ष में ईमेल क्यों प्लांट कराए गए? ये ईमेल अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के माध्यम से प्लांट कराए गए थे. साथ ही कहा कि सिसोदिया ने आबकारी विभाग के मेल के पते पर ईमेल प्लांट करवाए जो वही पता था जहां पॉलिसी पर सार्वजनिक टिप्पणी मांगी गई थी. ED ने कहा कि आबकारी पॉलीसी को सीक्रेसी में बनाया गया. ED ने कहा कि अगर पॉलीसी सही थी तो GOM के लिए ईमेल कैम्पेन क्यों चलाई गई. ED ने कहा कि ईमेल कैम्पेन के लिए सिसोदिया ने अलग से षड्यंत्र रचा था.