MCD Budget 2024-25: आज MCD सदन में भारी हंगामे के बीच नगर निगम का 16 हजार करोड़ का बजट पास हो गया, ये बजट सफाई और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित है.
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MCD Budget 2024-25: MCD सदन में भारी हंगामे के बीच आज दिल्ली नगर निगम का बजट पास हो गया.16 हजार करोड़ का बजट सफाई और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित है. वहीं विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है. नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक थी. हम इस मामले को लेकर राज्यपाल के पास जाएंगे और शिकायत करेंगे.
नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि पहले कार्यालय के बाहर कर्मचारियों की हड़ताल आम बात थी. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके लाभांश पाने में सालों लगते थे और उनको सम्मानित तरीके से विदा करने में निगम सक्षम नहीं था. विद्यालयों, अस्पतालों, डिस्पेंसरियों की हालत भी बेहतर नहीं थी. भाजपा के कुशासन के कारण निगम की हालत बहुत ही कमजोर थी और जो भी सत्ता में थे, उनको न ही निगम की चिंता थी और न ही जनता और कर्मचारियों की चिंता थी.
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निगम के कर्मचारियों ने अपनी निष्ठा का निर्वहन करते हुए, चाहे कोविड का समय हो या बाढ़ का, अपनी जान की परवाह किए बगैर जनता की सेवा की है. उनको सम्मान देना तो दूर उनकी सामान्य जरूरतों को भी पूरा करने में निगम असमर्थ था. दिल्ली कूड़े का पहाड़ बन चुकी थी और सफाई के नाम पर किए गए खर्चे के बिलों के अलावा सफाई कहीं दिखाई नहीं देती थी. इस हालत में निगम की बागडोर संभालते हुए मेयर ने निगम की दशा व दिशा सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पिछले एक साल के काम इसकी मिसाल हैं कि अगर नियत साफ है तो काम को अंजाम देने में कोई रूकावट नहीं होती. निगम को बिना कोई अतिरिक्त धनराशि आवंटन के निगम के कामों में सुधार लाना और कर्मचारियों को पहली तारीख को वेतन देने में निगम समर्थ रहा. जिसके लिए हमारे मुख्यमंत्री केजरीवाल और निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती बधाई के पात्र हैं, जिनके दिशा-निर्देश एवं कुशल प्रबंधन से यह संभव हो सका है. सेवानिवृत्त कर्मचारियों की डेथ ग्रेच्यूटी जो 2018 से लंबित थी उसका भुगतान आज हाथों-हाथ हो रहा है. इसके अलावा, जी.पी.एफ. तथा लीव इनकैशमेंट की राशि सेवानिवृत्ति के समय ही कर्मचारियों को दी जा रही है. हम निगम के कर्मियों, जोकि निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, उनके काम का सम्मान करते हैं.
मेयर शैली ओबेरॉय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 958.39 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह राशि बढ़ाकर 1745.19 करोड़ रुपये कर दी गई है. जिस तरह हमने दिल्ली सरकार के अस्पताल बेहतर किए, उसी तर्ज पर निगम के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों का भी कायाकल्प करेंगे. अस्पतालों की बदहाली हमें विरासत में मिली है. इसके सुधार की जरूरत है और इस काम में लगातार निगरानी कर रहे हैं. हम निगम के अस्पतालों को दिल्ली सरकार की तर्ज पर सुधार करेंगे.
सफाई निगम का बाध्यकारी कार्य है. भाजपा ने पिछले 15 सालों में दिल्ली को 3 बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ दिए. जहां वित्तीय वर्ष 2022-23 में सफाई विभाग में 2908.40 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 4500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, यानी लगभग 1700 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किए जाएंगे.
भाजपा ने 15 सालों में दिल्ली की जनता को जमकर लूटा है. Concessionaire से Agreement में हर घर से कूड़ा उठाने का प्रावधान है, लेकिन भाजपा के नेताओं की सांठ-गांठ के कारण इन कंपनियों ने कभी भी घर-घर से कूड़ा नहीं उठाया. मेरा आपसे अनुरोध है कि इसकी जांच कराई जाए ताकि इस भ्रष्टाचार में लिप्त सफेदपोश लोगों को दिल्ली की जनता के सामने उजागर किया जा सके.
मेयर ने कहा कि हमने जो जनता से वादे किए थे उसको निभाने में भरपूर इच्छा-शक्ति की आवश्यकता होती है. जो भी वादे हमने जनता के सामने किए थे, उसको हम निभा रहे हैं. जिसकी वजह से हमारी पार्टी की छवि दिल्ली की जनता में उच्च स्तर पर पहुंच रही है. आपको यह ज्ञात होगा कि जब हमने एक साल पहले निगम की सत्ता संभाली थी, तब निगम की आर्थिक स्थिति बहुत ही जर्जर थी. निगम की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि कर्मचारियों को वेतन कई-कई महीनों के बाद मिलता था. अब निगम कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिलता है.