जी मीडिया की टीम लगातार MCD चुनाव को लेकर चुनावी चौराहा के तहत हर वार्ड की समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसमें कहीं लोग परेशानी तो कहीं संतुष्टि देख रहे हैं. कहीं लोग बेहद खुश नजर आ रहे हैं तो कहीं निराश.
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आकांक्षा चौहान/ नई दिल्ली: जी मीडिया की टीम लगातार MCD चुनाव को लेकर चुनावी चौराहा के तहत हर वार्ड की समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसमें कहीं लोग परेशानी तो कहीं संतुष्टि देख रहे हैं. कहीं लोग बेहद खुश नजर आ रहे हैं तो कहीं निराश. इस कड़ी में जी मीडिया की टीम दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 (Mayur Vihar Phase 2) वार्ड 196 पहुंची. जहां जी मीडिया का चुनावी चौराहा सजा और लोगों से उनकी तमाम परेशानियां और दिक्कतों के बारे में जानने की कोशिश की गई. आइए जानते हैं कि यहां के निवासियों के लिए इस बार चुनावी मुद्दे क्या होने वाले हैं.
बंदरों और कुत्तों के आतंक से परेशान जनता
लोगों से बात करने पर पता चला कि कुत्तों और बंदरों का आतंक इलाके में बहुत ज्यादा बढ़ चुका है. घर की बालकनी में भी बंदर पहुंच जाते हैं. बंदरों की वजह से ही यहां घूमने में भी डर लगता है.
सीवर सबसे बड़ी समस्या
यहां लोगों से बातें करने पर पता चला कि यहां शुरू से ही मुख्य समस्या सीवर ब्लॉकेज की है. यहां पर नालियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिस वजह से पानी सड़को पर आता है. कई बार इसको लेकर शिकायत की गई है, लेकिन कोई सुनवाही नहीं हुई.
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पार्षद की कार्यशैली से लोग निराश
मयूर विहार फेज 2 के निवासी अपनी पार्षद भावना मलिक (Bhawna Malik) के कामों से निराश दिखें. लोगों ने कहा कि यहां पार्षद ने कुछ काम नहीं किया. लोग बोले कि यहां समस्या लेकर जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है. शिकायतें सिर्फ कागजों मे दब कर रह जाती हैं. जिसका कोई समाधान नहीं निकाला जाता है. साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि सिर्फ आश्वासन दिया जाता है, लेकिन काम नहीं होता और यह भी कहा जाता है कि हमें फंड नहीं मिल रहा है.
मच्छरों से परेशान लोग
जलभराव की वजह से जगह-जगह पानी इकट्ठा हो रहा है. इस वजह से मच्छर पनप रहे हैं और मच्छरों को मारने की दवाई का छिड़काव नहीं किया गया है. साथ ही लोगों ने बताया कि यहां 120 पार्क हैं और इन पार्कों में केवल 4 माली हैं.
कूड़ा उठाने की गाड़ी का नहीं समय फिक्स
कई वॉर्ड्स में बात करने पर पता चला कि लोगों को लिए कूड़ा बड़ा मुद्दा बन चुका है. वहीं यहां भी लोग एमसीडी के काम से परेशान दिखें. लोग बोले कि एमसीडी वर्कर्स किसी निर्धारित समय पर कूड़ा उठाने नहीं आते हैं. कब आते हैं कब जाते हैं इसका किसी को पता ही नहीं चल पाता है.