Delhi Mcd: ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. जिसके बाद छात्र ने MCD पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम ने छात्रों को कीड़ों की तरह जीने पर मजबूर कर दिया है.
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Rajendra Nagar: ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बरसाती पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सिविल सेवा की तैयार कर रहे एक छात्र ने सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है. अविनाश दुबे नाम के इस छात्र ने पत्र के माध्यम से हादसे के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही ओल्ड राजेंद्र नगर की नारकीय हालात से भी रूबरू कराने की कोशिश की.
अविनाश दुबे ने अनुरोध किया कि सीजेआई सिविल सेवा कोचिंग सेंटर्स के लिए मशहूर राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर जैसे इलाकों में बार-बार हो रहे जलभराव के समाधान का निर्देश अधिकारियों को दें. छात्र ने कहा कि दिल्ली सरकार और एमसीडी की "उदासीनता" के कारण हर साल इन इलाकों में रहने वाले छात्र नारकीय जीवन जीवन जीने पर मजबूर हैं. इन जगहों के निवासी अक्सर खराब नागरिक बुनियादी ढांचे और जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने से हर साल बाढ़ से जूझते हैं. नालियों के जाम होने के कारण बाढ़ का पानी घरों के अंदर तक पहुंच जाता है. हमें घुटनों तक भरे नाले के पानी में चलना पड़ता है. दिल्ली सरकार और नगर निगम ने छात्रों को कीड़ों की तरह जीने पर मजबूर कर दिया है.
पढ़ाई के लिए स्वस्थ वातावरण की आवश्यकता
जलभराव के कारण छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है. छात्रों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण की आवश्यकता है, ताकि वे बिना किसी डर के पढ़ाई कर सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें. अविनाश दुबे ने कहा, "मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि तीन छात्रों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करें.
गृह मंत्रालय ने बनाई समिति
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउ कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद गृह मंत्रालय ने एक समिति का गठन कर दिया है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी एक्स पर दी. यह समिति हादसे के कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और मामले के संबंध में नीति बदलने की सिफारिश करेगी. इस समिति में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव, दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के एक विशेष आयुक्त, अग्निशमन सलाहकार और एमएचए के संयुक्त सचिव इसके संयोजक होंगे. रिपोर्ट 30 दिन में सौंपी जानी है. दिल्ली पुलिस अब तक इस केस से जुड़े 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.