Delhi News: राघव चड्ढा के निलंबन को लेकर आम आदमी पार्टी ने कई सवाल खड़े किए हैं. इसी कड़ी में आज आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा कि एक तरफ उन्हें सजा सुना दी जाती है और दूसरी तरफ जांच के लिए विशेषाधिकार कमेटी में मामला भेजा जाता है. आखिर ऐसा दोहरा मापदंड क्यों?


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सुशील गुप्ता ने उठाए सवाल
ज़ी मीडिया से खास बातचीत के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा राघव चड्ढा का निलंबन पूरी तरह से गलत है. उन्होंने किसी भी सांसद का फर्जी हस्ताक्षर करके नहीं दिया. राघव चड्ढा के निलंबन को लेकर आम आदमी पार्टी ने कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एक तरफ उन्हें सजा सुना दी जाती है और दूसरी तरफ जांच के लिए विशेषाधिकार कमेटी में मामला भेजा जाता है. आखिर ऐसा दोहरा मापदंड क्यों? सवाल इस बात का है कि जब रिप्लेस कमेटी को जांच सौंप दी गई है तो फिर राघव चड्ढा को निलंबित क्यों किया गया. एक तरफ जांच दूसरी तरफ सजा. आखिर ऐसा क्यों. इतना ही नहीं आज सदन में प्राइवेट मैंबर डे होता है. उसका भी पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई है. 


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राज्यसभा से राघव चड्ढा का निलंबन
बता दें कि आज खबर आई कि राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में जबतक विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तबतक वो सदन से निलंबित रहेंगे. जानकारी अनुसार राघव चड्ढा पर आरोप लगा कि दिल्ली सेवा बिल को लेकर उन्होंने पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर लिए हैं, जिसके बाद उन पर कार्रवाई हुई है. अब विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक वो सदन से निलंबित रहेंगे. 


अवाज दबाने का प्रयास
वहीं इस मुद्दे पर राघव चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ फर्जी प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है. इसके साथ ही राघव चड्ढा ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि उनके कथित फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज को सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है.