नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फिल्मी हस्तियों, क्रिकेटर समेत कई सेलेब्रिटीज की डिटेल इस्तेमाल बैंक या क्रेडिट कार्ड से लोन ले लेते थे. पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये जालसाज GST नंबरों के जरिए पर्सनल दस्तावेज की डिटेल्स हासिल करते थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दो महीने में ही 90 लाख रुपये का फ्रॉड कर चुके है, जिसमें 20 बड़ी फिल्मी हस्तियां भी शामिल हैं.


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पुलिस के मुताबिक ये गैंग पहले सेलेब्रिटी के नाम का GST सर्च करता था. जीएसटी में कुछ डिजिट हटाकर PAN CARD के नंबर होते हैं. PAN से फिर डेट ऑफ बर्थ निकाल लेते हैं यानी नाम सेलिब्रिटी का, पैन और डेट ऑफ बर्थ भी सेलेब्रिटी की, मगर चेहरा किसी और का होता था. क्रेडिट स्कोर निकाल कर कुछ सिक्योरिटी क्वेश्चन के जवाब देकर और फिर केवाईसी वेरिफिकेशन के लिए फिजिकल और वीडियो वेरिफिकेशन होती है.


क्रेडिट वैल्यूएशन ज्यादा होने का मिल जाता था फायदा 


इसके लिए आधार और पैन कार्ड की डिटेल मांगी जाती है. इसमें वो कुछ बदलाव कर बना लेते थे. सेलेब्रिटी होने की वजह से क्रेडिट वैल्यूएशन ज्यादा होती है और इसकी वजह से क्रेडिट कार्ड या बैंक से अधिक का लोन आसानी से मिल जाता था. पुलिस को एक कंपनी से इस जालसाजी का पता लगा, जिसने फिल्मी हस्तियों के नाम पर लोन लेने की जानकारी पुलिस को दी.


शाहदरा जिले के साइबर थाना पुलिस ने एक पीड़ित की शिकायत मिलने के बाद इस जालसाजी रैकेट का पता लगाया तो पुलिस भी इस नई साजिश से हैरान रह गई. ये जालसाज सभी डिटेल्स ऑरिजिनल डालते थे, लेकिन फोटो अपनी लगाते थे. जालसाजों ने अपने काम को अंजाम देने के लिए सचिन तेंदुलकर, सोनम कपूर, ऋतिक रोशन, सैफ अली खान, अनुष्का शर्मा, हिमेश रेशमिया, अभिषेक बच्चन, सुष्मिता सेन और महेंद्र सिंह धोनी समेत 93 से ज्यादा हस्तियां शामिल हैं.


फ्रॉड की शुरुआत ऐसे करते थे 
दिल्ली पुलिस का कहना है ये जालसाज पहले किसी तरह से सेलिब्रिटी की डिटेल निकलवाकर पैन और आधार कार्ड बनवाते थे और फिर इन डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करके वो बैंक में लोन अप्लाई करते थे, क्योंकि डिटेल ऑरिजिनल  होती थी, इसलिए इनको लोन मिल जाता था और जैसे ही इनको लोन मिलता था फिर ये गैंग नंबर वगैरह बंद करके गायब हो जाते थे. 


टेलीग्राम पर जुड़े थे पांचों आरोपी 
दिल्ली पुलिस के मुताबिक अब तक इस गिरोह के मास्टरमाइंड विश्वकर्मा समेत 5 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इस गिरोह का मास्टरमाइंड IT में बीटेक कर चुका है. पूछताछ में उसने बताया कि अब तक 50 लाख रुपये का फ्रॉड कर चुके हैं, लेकिन जब दिल्ली पुलिस ने मनी ट्रेल चेक की तो 90 लाख से ज्यादा का फ्रॉड सामने आया. इनके पास से कई सेलेब्रिटी के नाम के पैन कार्ड और आधार कार्ड बरामद किए गए हैं.


पुलिस की जांच में पता चला है कि ये आरोपी अलग अलग जगहों पर रहते थे. सोशल मीडिया टेलीग्राम के जरिये ये दोस्त बने थे, फिर अलग ग्रुप बनाकर चैटिंग कर रहे थे और अपने गैंग में महिला साथियों की भर्ती की तैयारी कर रहे थे. 


मास्टरमाइंड हर हफ्ते बदल लेता था ठिकाना 
सबसे बड़ी बात ये की गैंग का मास्टरमाइंड पुलिस से बचने के लिए हर हफ्ते अपना ठिकाना बदलता रहता था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसे जालसाजों से बचना है तो बैंकिंग संस्थानों को केवाईसी वेरिफेक्शन जैसे कामों में बदलाव करने की जरूरत है.