Delhi Pollution: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 2024 में जनवरी से अक्टूबर तक 200 दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता अच्छी रही है. यह लगातार दूसरा साल है जब दिल्ली ने 200 दिन स्वच्छ हवा का अनुभव किया है. दीवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में कृत्रिम बारिश का विकल्प अपनाया जा सकता है, और "एंटी डस्ट कैंपेन" शुरू होगा.
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Delhi Pollution: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में प्रदूषण के स्तर और AQI के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी से अक्टूबर तक दिल्ली में 200 दिन हवा की गुणवत्ता अच्छी रही है. यह लगातार दूसरा साल है जब दिल्ली ने अक्टूबर तक 200 दिनों की अच्छी हवा का अनुभव किया है. 2020 के लॉकडाउन के बाद यह पहला मौका है, जब दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में स्वच्छ हवा के दिन दर्ज किए गए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इस साल के 12 अक्टूबर तक के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें 200 दिन "अच्छे दिन" के रूप में चिन्हित किए गए हैं.
आज भी दिल्ली की हवा 'साफ'
गोपाल राय ने कहा कि आमतौर पर दशहरा के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है, लेकिन इस बार राजधानी ने साफ हवा के बीच सांस ली है. इसके पीछे बारिश न होने के बावजूद प्रदूषण के स्तर का नियंत्रण में रहना मुख्य कारण है. उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली के लोगों की जागरूकता और सरकार के प्रयास से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम करने में मदद मिली है. लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं और घरों में पौधे लगा रहे हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
ग्रीन ऐप का जिक्र
इसके साथ ही उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से लॉन्च "ग्रीन दिल्ली" ऐप का भी जिक्र किया, जिसके माध्यम से लोग धूल, धुएं और खुले में कचरा जलाने की घटनाओं की शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार जल्द ही "एंटी डस्ट कैंपेन" को और तेजी से शुरू करेगी.
जरूरत पड़ने पर कृत्रिम बारिश
दिवाली के बाद संभावित प्रदूषण के खतरे को देखते हुए गोपाल राय ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर कृत्रिम बारिश का भी कराई जा सकती है. उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से सहयोग की अपील की और बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने दो बार पत्र भी लिखा है, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार का सहयोग दिल्ली के प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.