Delhi Crime: लगातार लूटपाट की घटनाओं का शिकार हो रहे व्यापारियों ने अब खुद से खुद की सुरक्षा की ठानी है. व्यापारी अब अपने कैश बैग में जीपीएस इंस्टॉल करवा रहे हैं, जिससे लुटेरों को आसानी से पकड़ा जा सके.
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Delhi Crime: दिल्ली में लूट की वारदातों का अक्सर व्यापारी शिकार हो रहे हैं. प्रगति मैदान लूट की वारदात के बाद से व्यापारी दहशत में हैं. व्यापारियों का पुलिस की सुरक्षा से भरोसा उठ गया है. लिहाजा अब उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए खुद बीड़ा उठाया है. चांदनी चौक के सर्राफा बाजार के कारोबारी कैश और गोल्ड के लेनदेन वाले बैग में जीपीएस सिस्टम बिल्ड करके अपने कैश और कीमती सामान को ट्रैक कर रहे हैं. यानी अगर किसी व्यापारी के साथ लूट की वारदात होती भी है तो उनके कैश से भरे बैग को ट्रेस किया जा सका जाएगा और आरोपी पकड़े जाएंगे.
हमेशा कारोबारी शिकार
यह पहल दी बुलियन मार्केट एसोसिएशन की तरफ से की गई है. मार्केट एसोसिशन के अध्यक्ष योगेश सिंगला के मुताबिक दिल्ली की सबसे बड़ी सराफा बाजार कूचा महजानी है. इस मार्केट में रोजाना करोड़ों रुपए का लेनदेन होता है. कारोबारी और कारोबारियों की दुकान पर काम करने वाले सेल्समैन सोने और चांदी को बैग में लेकर एक दुकान से दूसरी दुकान और मार्केट में घूमते हैं. इनमें से कुछ लोग लूट की वारदात का शिकार भी होते हैं. ऐसे में ये जीपीएस डिवाइस उस बैग को ट्रेस करेगा.
कैसे करता है काम
इस जीपीएस डिवाइस को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. पेनड्राइव जितना यह डिवाइस आपको अपने बैग में रखना है या फिर आप कैश के बीच में भी इसे रख सकते हैं. यह डिवाइस एक बार चार्ज होने के बाद 3 दिन तक चलता है और मोबाइल फोन पर ऐप के जरिए इस जीपीएस डिवाइस को आप ट्रेस कर सकते हैं. सैटेलाइट के जरिए यह डिवाइस जहां-जहां जाएगा वहां वहां उसकी लोकेशन मोबाइल पर आती रहेगी. इस बीच अगर डिवाइस काम करना बंद कर दें तो कुछ समय बाद उसका रियल टाइम डाटा मोबाइल फोन पर ऐप पर आ जाएगा. इस डिवाइस की कीमत महज 2000 रु है.
टेलाइट से दिया लोकेशन
व्यापारियों का मानना है कि यह डिवाइस वाकई लूट की वारदातों को रोकने के लिए काम करेगा क्योंकि अक्सर लूट की वारदात को अंजाम देने वाला शख्स बैग लेकर तुरंत फरार हो जाता है. वह यह चेक नहीं कर पाता कि बैग में इस तरीके का जीपीएस डिवाइस है या नहीं. यानी जीपीएस डिवाइस की मदद से व्यापारी का बैग सुरक्षित हो सकता है.