Delhi News: दिल्ली में पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने वाली योजना की घोषणा के बाद राजधानी में मंदिरों और बौद्ध मठों को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) को एक पत्र लिखकर दिल्ली में मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को न तोड़ने की मांग की है. इसको लेकर सीएम ने कहा था कि इन धार्मिक स्थलों को तोड़ने का आदेश न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा, बल्कि सामाजिक तनाव भी पैदा कर सकता है. इस चिट्ठी को लेकर एलजी का जवाब आया है और एलजी ऑफिस ने इन आरोपों को खारिज किया है. 


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सीएम आतिशी ने लिखी चिट्ठी में कहा था कि एलजी के आदेश पर मंदिरों और बौद्ध स्थलों को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. धार्मिक स्थलों का संरक्षण न केवल आस्था का मामला है, बल्कि सामाजिक सद्भाव का भी. इस पर एलजी सचिवालय ने दिया जवाब किया न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्चा या अन्य पूजा स्थलों को तोड़ा या ध्वस्त किया जा रहा है और न ही इस आशय की कोई फाइल आई है. एलजी सचिवालय ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी और अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए घटिया राजनीति कर रही हैं. 


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जवाब में कहा गया कि एलजी ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे तत्वों के खिलाफ सतर्क रहें जो राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक स्थलों से जुड़ी घटनाओं में शामिल हो सकते हैं. 22 नवंबर को हुई बैठक में अनधिकृत धार्मिक ढांचों को हटाने का निर्णय लिया गया था, जिस पर एलजी वीके सक्सेना ने हस्ताक्षर किए थे.


वहीं बीजेपी वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि रिलिजियस कमिटी गृह मंत्रालय के अंदर काम करती है. वो लेटर एलजी की तरफ से नहीं भेजा गया. आप संयोजक के साथ-साथ दिल्ली सीएम भी झूठ न बोलने का संकल्प लें.