नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यमुना को साफ करने के विजन के तहत गुरुवार को दिल्ली विधानसभा ने यमुना की सफाई के लिए 1028 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड को मंजूरी दे दी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने अगर कहा है कि अगले चुनाव तक यमुना साफ होकर रहेगी तो होकर रहेगी. इसके लिए जो भी करना पड़े, जैसे भी करना पड़े हम करेंगे. यमुना की सफाई मुख्यमंत्री केजरीवाल की प्राथमिकता है. उन्होंने स्वयं इसकी हर एक पहलू पर बारीकी से नजर बनाए रखी है. नदी की सफाई को लेकर मुख्यमंत्री रोजाना 1-1 नाले, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि के विषय में अधिकारियों से प्रोग्रेस रिपोर्ट लेते हैं व उसकी जांच करते करते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उपमुख्यमंत्री व जलमंत्री मनीष सिसोदिया ने यमुना सफाई के लिए पूरक अनुदान की मांग को सदन पटल पर रखा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यमुना को साफ करने के विजन को गति देने की दिशा में गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में यमुना की सफाई व दिल्ली जलबोर्ड के लिए सदन द्वारा 1028 करोड़ रुपये के पूरक अनुदान को मंजूरी दी गई.


एलजी पर काम रोकने की कोशिश का आरोप 
मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी ने अफसरों पर दबाव बनाकर यमुना सफाई के काम को रोकने का हर संभव प्रयास किया. सदन से बजट मंजूर होने के बावजूद जलबोर्ड का फंड रोका गया. उन्होंने पहले प्रोजेक्ट्स को रोकने का प्रयास किया. जब प्रोजेक्ट्स नहीं रुके तो फंड रोक दिए, लेकिन यमुना की सफाई का काम जारी है. सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी और एलजी चाहे जितने प्रयास कर लें, दिल्ली सरकार यमुना साफ करने के काम को रुकने नहीं देगी.  


उन्होंने साझा किया कि सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के रुके पैसों को तो जारी करवा ही दिया है. साथ ही यमुना की सफाई के लिए 1028 करोड़ रुपये का एडिशनल बजट भी जारी किया है ताकि यमुना को साफ करने के कामों में तेजी लाई जा सके दिल्ली सरकार इस दिशा में युद्धस्तर पर काम कर रही है


हाईकोर्ट और सिविल कोर्ट के लिए 311 करोड़ रुपये 
दिल्ली विधानसभा द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री सड़क योजना में 100 करोड़ के अतिरिक्त फंड, ट्रांस-यमुना एरिया वर्क के लिए 49 करोड़, पीडब्ल्यूडी के रोड मेनटेनेंस,अतिरिक्त क्लासरूम निर्माण, अस्पतालों के री-मॉडलिंग आदि के लिए लगभग 800 करोड़ के अतिरिक्त फंड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए 75 करोड़, छठ घाटों के लिए 8 करोड़, शहीदों को 1-1 करोड़ रुपये, सम्मान राशि देने के मद में 25 करोड़ की अतिरिक्त राशि को मंजूरी दी गई.


इसके अलावा मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के लिए अतिरिक्त 50 करोड़, एससीएसटी वेलफेयर के लिए 75 करोड़,डीजीएचएस के लिए 50 करोड़, अस्पतालों के फंड के लिए 364 करोड़ ,उच्च शिक्षा के लिए 78 करोड़ ,समग्र शिक्षा अभियान के लिए 199 करोड़, यूनिफार्म सब्सिडी के लिए 130 करोड़, मिड डे मील के लिए 114 करोड़, लॉ डिपार्टमेंट के लिए 60 करोड़, वकीलों की बेहतरी के लिए केजरीवाल सरकर योजना के तहत 10 करोड़ रुपये व दिल्ली हाईकोर्ट व सिविल कोर्ट के विभिन्न मदों के लिए 311 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड को मंजूरी दी गई है.