देवेंद्र यादव के ऊपर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बैठाने के साथ-साथ एकजुट करने की चुनौती होगी. वहीं दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई के दिन मतदान होंगे. जिसके लिए अब सिर्फ 24 दिन ही बचे हैं, लेकिन दिल्ली कांग्रेस नेतृत्वविहीन और दिशाहीन की ओर जाती हुए नजर आ रही है.
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Delhi: दिल्ली के बादली क्षेत्र से पूर्व विधायक देवेंद्र यादव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद से ही देवेंद्र का नाम सबसे आगे चल रहा था. वहीं देवेंद्र वर्तमान में वह पार्टी के पंजाब में प्रभारी भी है. लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में अब सिर्फ कुछ ही दिन रह गए हैं, जिसे देखते हुए कांग्रेस तेजी से डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है. नामांकन शुरू होने से पहले ही दिल्ली पार्टी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दो बाहरी प्रत्याशियों को टिकट देने, आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन और दिल्ली प्रभारी द्वारा काम नहीं करने को लेकर आरोप लगाते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं रविवार की शाम को पार्टी की तरफ से उनके इस्तीफे का स्वीकार कर लिया गया था. जिसके बाद से ही अब यह सवाल उठने लगा है कि पार्टी का भरोसेमंद चेहरा कौन होगा, जिसके हाथों में दिल्ली कांग्रेस की कमान सौंपी जाए.
मीडिया सूत्रों की मानें तो इसके लिए कांग्रेस ने दो नेताओं डॉ. नरेन्द्र नाथ और हारुन यूसुफ के नामों पर भी विचार किया था. कांग्रेस ने चुनाव के दौरान आक्रमक राणनीति के लिए देवेंद्र यादव को मौका देना का फैसला किया है. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से मंगलवार को इस बात के निर्देश जारी कर दिए गए. वहीं यादव की बात करें तो वह इससे पहले उत्तराखंड राज्य के प्रभारी भी रह चुके हैं और उन्हें फिलहाल पंजाब का प्रभार सौंपा गया है. पार्टी के सू्त्रों के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन अब शुरू हो सकेगा. क्योंकि अचानक दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद खाली होने के कारण नामांकन की योजना पूरी तरह से विफल हो गई थी, लेकिन अब उन्हें नामांकन और जुलूस में अपने समर्थकों को जुटाने का और अधिक समय मिल सकेगा.
देवेंद्र के लिए बड़ी चुनौती
देवेंद्र यादव के ऊपर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बैठाने के साथ-साथ एकजुट करने की चुनौती होगी. वहीं दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई के दिन मतदान होंगे. जिसके लिए अब सिर्फ 24 दिन ही बचे हैं, लेकिन दिल्ली कांग्रेस नेतृत्वविहीन और दिशाहीन की ओर जाती हुए नजर आ रही है.
भाजपा ने कसा तंज
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस का एक डूबा हुआ जहाज है. स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने 1998 से 2013 तक सत्ता को देखा है और पार्टी को फिर से एक बार फिर नर्जीवित करने के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को इसकी कोई परवाह नहीं है. कांग्रेस नेतृत्व की दिल्ली यूनिट के प्रति गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि नेतृत्व ने एक अंशकालिक अध्यक्ष देवेंद्र यादव का चयन किया है.