Matsya Dwadashi 2023: कब है मत्स्य द्वादशी, जानें डेट, पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभ
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2016563

Matsya Dwadashi 2023: कब है मत्स्य द्वादशी, जानें डेट, पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभ

Matsya Dwadashi 2023 Date: भगवान विष्णु ने मनुष्यों की रक्षा के लिए सबसे पहले धरती पर मत्स्य अवतार लिया था, जिस दिन भगवान विष्णु ने अवतार लिया था उसे मत्स्य द्वादशी के नाम से जाना जाता है. 

Matsya Dwadashi 2023: कब है मत्स्य द्वादशी, जानें डेट, पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभ

Matsya Dwadashi 2023 Date: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से विष्णु देव की अराधना करता है श्री हरि उसकी सदैव रक्षा करते हैं. यही वजह है कि विष्णु देव को जगत का पालनहार भी कहा जाता है. भगवान विष्णु ने मनुष्यों की रक्षा के लिए सबसे पहले धरती पर मत्स्य अवतार लिया था, जिस दिन भगवान विष्णु ने अवतार लिया था उसे मत्स्य द्वादशी के नाम से जाना जाता है. जानते हैं इस मत्स्य द्वादशी की डेट, पूजा विधि और लाभ. 

मत्स्य द्वादशी 2023 डेट (Matsya Dwadashi 2023 Date)
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मत्स्य द्वादशी मनाई जाती है, जो इस साल 23 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु के पहले अवतार मत्स्य रूप के पूजन का विधान है. 

ये भी पढ़ें- Numerology: इस सप्ताह इन चार मूलांक वाले लोगों के हाथ लगने वाली है सफलता, जानें किसको मिलेगा कैसा लाभ

मत्स्य द्वादशी पूजा विधि
मत्स्य द्वादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें, इसके बाद पूजा घर की साफ-सफाई करें. सफाई करने के बाद एक साफ आसन पर पीला वस्त्र बिछाकर विष्णु देव की प्रतिमा को स्थापित करें. फिर उन्हें चंदन, हल्दी, फूल और धूप अर्पित करें. बाद में भगवान विष्णु को भोग लगाकर विष्णु के मंत्रों का जाप करें और फिर आरती करें. आरती के बाद अपने घर-परिवार के लोगों को प्रसाद वितरित करके श्रद्धा पूर्वक प्रसाद ग्रहण करें. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और भगवान विष्णु सभी परेशानियों से उसकी रक्षा करते हैं. 

मत्स्य द्वादशी व्रत से मिलते हैं ये लाभ
पौराणिक मान्यताओं को अनुसार, जो महिलाएं सच्चे मन से मत्स्य द्वादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की अराधना करती हैं, उनकी मनचाही इच्छा पूरी होती है. पति और संतान को उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, साथ ही घर में भी सुख-शांति आती है. इसके साथ ही मत्स्य द्वादशी का व्रत रखने से मनुष्य को ब्रम्हा लोग की प्राप्ति होती है. 

Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.