Navratri 2023 Day 4: चौथे दिन ऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजा, लगाएं इसका भोग और इस मंत्र का करें जप
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Navratri 2023 Day 4: चौथे दिन ऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजा, लगाएं इसका भोग और इस मंत्र का करें जप

Navratri 4th Day Maa Kushmanda: मां दुर्गा का यह स्वरूप बेहद ही सुंदर और मन को मोह लेने वाला होता है. बता दें कि मां कूष्मांडा की सवारी सिंह हैं और इनके 8 हाथ होते हैं, जिनमें से एक में कमडंल, अस्त-शस्त्र और कमल का फूल होता है. 

Navratri 2023 Day 4: चौथे दिन ऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजा, लगाएं इसका भोग और इस मंत्र का करें जप

Shardiya Navratri 4th Day Puja: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा अराधना की जाती है. नौ दिनों तक अलग-अलग माता को पूजा जाता है. इसी कड़ी में तीसरे दिन मां के चौथे रूप मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda)की अराधना की जाती है. बता दें कि मां कूष्मांडा को ब्रह्मांड की आदिशक्ति माना जाता है. साथ ही माता दुर्गा के इस रूप को सबसे उग्र भी माना गया है.

कैसा होता है मां कूष्मांडा का स्वरूप (Maa Kushmanda Swaroop)
बता दें कि माता दु्र्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की 8 भुजाएं होती हैं. इसलिए इन्हें अष्टभुजा भी कहा जाता है. इनके आठ हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा और माला होती है और इनके आठवें हाथ में जप की माला है. मां कुष्मांडा सिंह पर सवार होती हैं. 

मां कूष्मांडा का प्रिय रंग (Maa Kushmanda Favourite Colour)
मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग पीला होता है. नवरात्रि के तीसरे दिन इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और मनचाहे फल के वरदान देती हैं. 

मां कूष्मांडा का पसंदीदा भोग (Maa Kushmanda Bhog)
मां चंद्रघंटा को मालपुए बेहद पसंद है. इसलिए मां को मालपुएं का भोग लगाएं और देवी मां को प्रसन्न करें. ऐसा करने से मां आपकी सभी दुखों का निवारण करेंगी. 

इस मंत्रों से करें जप (Maa Kushmanda Puja Mantra) 
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च
दधाना हस्तपाद्मभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे

मां कूष्मांडा पूजा विधि (Maa Kushmanda Puja Vidhi)
मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग पीला होता है.
नवरात्रि के चौथे दिन इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और मनचाहे फल के वरदान देती हैं. 
मां को कुमकुम, सफेद चंदन, हल्दी, चावल, सिंदूर, पान, सुपारी, लौंग, नारियल और 16 श्रृंगार चढ़ाएं. 
पूजा के दौरान मां कूष्मांडा के मंत्रों को 108 बार जाप करें, कथा पढ़ें और फिर आरती करें.