आज Delhi Metro ने अपने पुराने कॉरिडोर रेड लाइन पर यात्री वहन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 6 कोच वाली ट्रेनों के मौजूदा बेड़े से परिवर्तित 8-कोच वाली दो ट्रेनों की शुरुआत कर दी है. प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों के यहां रुकने से इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए यह अधिक सुविधाजनक हो जाएगा.
Trending Photos
नई दिल्लीः DMRC ने अपने यात्रियों को आज बड़ा तोहफा दिया है. DMRC ने ने आज से अपनी रेड लाइन पर 8 कोच वाली ट्रेनों की शुरुआत कर दी है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने दो 8-कोच वाली ट्रेनों का पहला सेट पेश किया है, जिन्हें रेड लाइन (यानी रिठाला से शहीद स्थल नई बस स्टैंड) पर यात्री सेवाओं के लिए 39 छह कोच वाली ट्रेनों के मौजूदा बेड़े से परिवर्तित किया गया है.
इस इंडक्शन के साथ, अब इस लाइन पर सभी ट्रेनें प्लेटफॉर्म के सबसे दूर स्थल के पास तक रुकेंगी ताकि 8 कोच वाली ट्रेनों को समायोजित किया जा सके. रेड लाइन की इन 39 ट्रेनों में जोड़े जाने वाले सभी 78 अतिरिक्त कोच भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) से खरीदे गए हैं.
ये अतिरिक्त कोच रेड लाइन (लाइन-1) की वहन क्षमता को बढ़ाएंगे, जिसे साल 2019 में गाजियाबाद में शहीद स्थल न्यू बस अड्डा तक बढ़ाया गया था, जिसकी कुल लंबाई लगभग 34 किलोमीटर थी. इसी के साथ दिल्ली मेट्रो ने अपने बयान में कहा है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने आज से अपनी पहली 8 कोच वाली दो ट्रेनों की शुरुआत की, जिन्हें रेड लाइन (लाइन-1 रिठाला से शहीद स्थल न्यू बस अड्डा तक) पर यात्री सेवाओं के लिए 39 छह-कोच वाली ट्रेनों के मौजूदा बेड़े से परिवर्तित कर बनाया गया है.
DMRC has introduced its first ever set of two 8-coach trains, which have been converted from the existing fleet of 39 six coach trains, for passenger services on the Red Line (Rithala to Shaheed Sthal New Bus Adda) from today. pic.twitter.com/dsLVTafZ8O
— Delhi Metro Rail Corporation I कृपया मास्क पहनें (@OfficialDMRC) November 8, 2022
इसी के साथ मेट्रो अधिकारियों ने कहा कि इसकी शुरुआत होने से इस लाइन पर सभी ट्रेनें प्लेटफॉर्म के आखिरी छोर के पास रुकेंगी. प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों के यहां रुकने से इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए यह अधिक सुविधाजनक हो जाएगा. रेड लाइन पर छह कोच वाली ट्रेनों से परिवर्तित आठ कोच वाली ट्रेनों की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से की गई है.
उन्होंने आगे कहा कि यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इससे नियमित यात्री सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़े और इसका काम 2024 तक पूरा होने की संभावना है.