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नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ ‘‘एक्सपीरियंस शेयरिंग सेशन’’ के अंतर्गत विदेश में ट्रेनिंग लेकर आए दिल्ली और पंजाब सरकार के स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ संवाद कर उनका अनुभव जाना. देश में शायद यह पहला मौका है, जब विदेश से ट्रेनिंग लेकर लौटे दो राज्यों (दिल्ली-पंजाब) के सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने आपस में अपना अनुभव साझा कियाय. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी शिक्षा क्रांति की शुरूआत हो गई है. हमें मिलकर दिल्ली व पंजाब के स्कूलों को दुनिया का बेस्ट स्कूल बनाना है.
उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल में पंजाब में किसी भी सरकार ने टीचर्स को विदेश ट्रेनिंग के लिए नहीं भेजा होगा. क्योंकि उनकी प्राथमिकता में शिक्षा नहीं थी. पंजाब की ‘‘आप’’ सरकार ने अपने प्रिंसिपल को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेज कर संदेश दिया है कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता शिक्षा है. जब तक टीचर्स और प्रिंसिपल्स के अंदर सकारात्मक उर्जा नहीं आएगी, तब तक सरकारी स्कूलों को ठीक नहीं किया जा सकता. केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकारों की नीयत ठीक हो, तो जो शिक्षा सरकार दे सकती है, वो प्राइवेट स्कूल कभी नहीं दे सकते.
After Delhi, now Punjab is also witnessing education revolution. 36 principals of punjab govt schools return after training in Singapore. It was such a pleasure to interact with them today. https://t.co/3t0OWEX1Yj
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 11, 2023
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान के साथ एसबीवी रॉउस एवेन्यू गवर्नमेंट स्कूल में आयोजित ‘‘एक्सपीरियंस शेयरिंग सेशन’’ के अंतर्गत सिंगापुर से ट्रेनिंग लेकर लौटे पंजाब के प्रिंसिपल्स और सिंगापुर, कैंब्रिज व फिनलैंड में ट्रेनिंग ले चुके दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ संवाद किया. इस दौरान दिल्ली के डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मनीष सिसोदिया और पंजाब के शिक्षा मंत्री सरदार हरजोत सिंह बैंस समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान प्रिंसिपल ने सिंगापुर से लाए गिफ्ट भी सीएम अरविंद केजरीवाल समेत अन्य गणमान्यों को भेंट किया.
सरकारी स्कूलों जैसी सुविधाएं प्राइवेट स्कूलों में भी नहीं मिलती
केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में भी दिल्ली सरकार के स्कूलों जैसी सुविधाएं नहीं मिलती है. मुझे लगता है कि अगर सरकारों की नीयत ठीक हो, तो जो शिक्षा सरकार दे सकती है, वो प्राइवेट स्कूल कभी नहीं दे सकते. प्राइवेट में भी दो तरह के स्कूल हैं. एक छोटे स्तर के स्कूल होते हैं. वो तो बच्चों को कोई भी सुविधा नहीं देते हैं. दूसरे फाइव स्टार की तरह प्राइवेट स्कूल हैं. उन्होंने ने बहुत पैसा कमा रखा है. मैं नहीं समझता कि पूरे देश में सरकारी के साथ प्राइवेट स्कूल भी अपने टीचर्स को सिंगापुर ट्रेनिंग पर भेजते होंगे. सरकारों के पास पैसा है. सरकारें चाहें तो बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा दे सकती हैं.
सीएम ने आगे कहा कि हम शिक्षा में पैसा निवेश करें, तो हमारे स्कूल, टीचर्स और प्रिंसिपल सर्वश्रेष्ठ हो सकते हैं, लेकिन सरकारी की नीयत और प्राथमिकता की बात है. हमने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में गलतियां कर-करके सीखा, लेकिन हम पंजाब में टीचर्स- प्रिंसिपल को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी निवेश करेंगे. फिर पंजाब नया प्रयोग करेगा. फिर उससे दिल्ली सीखेगी. अभी दिल्ली ने जो किया है, उससे पंजाब सीख रहा है, लेकिन पंजाब में नए प्रयोग होंगे, तो उससे दिल्ली सीखेगी. कुछ लोग टीचर्स को विदेश भेजने पर आपत्ति जताते हैं.
उनका कहना है कि अपने देश में ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की कमी है क्या? ऐसा क्यों? क्या सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीबों के बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स-प्रिंसिपल को दुनिया की बेस्ट नहीं मिलनी चाहिए? बिल्कुल मिलनी चाहिए. हम दुनिया की बेस्ट ट्रेनिंग देंगे. दिल्ली के सरकारी स्कूल देश में सबसे बेस्ट स्कूल बन गए हैं. अब हमें सरकारी स्कूलों को दुनिया का बेस्ट सरकारी स्कूल बनाना है. पंजाब और दिल्ली के सरकारी स्कूलों को केवल भारत का ही नहीं, दुनिया का सबसे अच्छा स्कूल बनाएंगे. मुझे पूरी उम्मीद है कि अब वो दिन दूर नहीं, जब सिंगापुर के लोग भी ट्रेनिंग लेने के लिए पंजाब-दिल्ली आएंगे.
पंजाब के 36 प्रिंसिपल सिंगापुर से ट्रेनिंग लेकर वापस लौटे। आज उनसे बात की, उनका अनुभव जाना। उनका ये ग़ज़ब का आत्मविश्वास देखिए।
हमें एकसाथ मिलकर दिल्ली और पंजाब के स्कूलों को दुनिया का बेस्ट स्कूल बनाना है। pic.twitter.com/2MPoZ2MayP
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 11, 2023
बच्चों को ज्यादा पढ़ाने के बजाय ज्यादा सीखाना
एक महिला प्रिंसिपल ने बताया कि हमने सिंगापुर में सीखा कि हमें बच्चों को ज्यादा पढ़ाना नहीं है, बल्कि ज्यादा सीखाना है. टीचर्स एक फैसिलिटेटर की तरह काम करेंगे और स्टूडेंट्स के लिए ऐसा वातावरण तैयार करेंगे कि बच्चा अधिक से अधिक सीखे. हमें समझना है कि बच्चों की जरूरत क्या है. ऐसा सिखाना है कि उसे जीवनभर यह काम आए. हमने आब्जर्वेशन सीखा, जिसमें एक टीचर क्लास ले रहा होता है और दूसरा टीचर उसे देखकर सीखता है.
हम सभी का एक विजन और लक्ष्य होना चाहिए
प्रिंसिपल ने बताया कि हमने वहां पर सीखा कि हमारा एक विजन और लक्ष्य होना चाहिए, जैसे पंजाब सरकार का एक विजन और लक्ष्य है कि हमें शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार करना है. हालांकि हमें विजन बनाने में थोड़ा समय लगेगा. माइंडसेट में बदलाव एक महत्वपूर्ण पहलू है. अचानक से टीचर्स का माइंडसेट करना मुश्किल होगा, लेकिन हम प्रयास करेंगे. हमें आगे और भी लीडर तैयार करने हैं. कक्षा में टीचिंग और लर्निंग में सुधार करना है. यह दोनों ही महत्वपूर्ण है.