Faridabad News: कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया था. उसी शृंखला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) से स्थापित कर 35 ऑक्सीजन संयंत्रों का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. 


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इस कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत फरीदाबाद के बीके नागरिक अस्पताल में भी दो ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र (सिलिंडर भरने की सुविधा के साथ) का प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन उद्घाटन किया, जिसमें से एक 200 एलपीएम का है और दूसरा 1000 एलपीएम का है. फरीदाबाद के इस सबसे बड़े सिविल अस्पताल को बादशाह खान के भी नाम से जाना जाता है.


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यहां अस्पताल में करोड़ों की लागत से दो ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने का उद्देश्य यह था कि इमरजेंसी के समय इस ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र का इस्तेमाल मरीजों के लिए किया जा सके, लेकिन शायद प्रदेश का मुख्य स्वास्थ्य विभाग इस ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की प्रमुखता नहीं समझ रहा.


ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि यहां पर लगे हुए दो ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र में से जो 1000 एलपीएम का है. यह संयंत्र स्पेशल डिस्टिल्ड वॉटर की कमी के चलते पिछले 4 महीने से बंद है. फरीदाबाद नागरिक अस्पताल के प्रशासन की माने तो अस्पताल के स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 4 महीने पहले इसके लिए एक डिमांड भी प्रदेश के मुख्य स्वास्थ्य विभाग को भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक प्रदेश के मुख्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. प्लांट 4 महीने पहले तकनीकी कमी के चलते बंद हुआ. यह ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, अभी भी अपने चालू होने की प्रतीक्षा करता हुआ नजर आ रहा है.


बंद पड़े ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र के विषय पर जवाब देते हुए फरीदाबाद नागरिक अस्पताल की प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर (PMO) सविता यादव कहती हैं कि हमारे पास दो ऑक्सीजन प्लांट हैं, जिसमें से एक 200 एलपीएम का है और दूसरा 1000 एलपीएम का है, जो 200 एलपीएम का है. वह ठीक-ठाक चल रहा है और जो 1000 एलपीएम का है, उसमें कुछ समय से समस्या है. इसमें स्पेशल डिस्टिल्ड वॉटर चाहिए होता है, जिसका खर्चा 10 लाख रुपये का है, जिसके लिए हमने हेड क्वार्टर को लिखा है. साथ ही यह भी लिखा है कि या तो हमें यह स्पेशल डिस्टिल्ड वॉटर उपलब्ध करवा दें या फंड उपलब्ध करवा दें, क्योंकि उसकी जरूरत ऑक्सीजन को शुद्ध करने के लिए होती है. मरीज को  शुद्ध ऑक्सीजन ही दी जा सकती है, क्योंकि अभी उसमें ऑक्सीजन  शुद्ध नहीं है, इसलिए हम वह प्लांट नहीं चला रहे हैं. यह प्लांट इस साल के अगस्त से बंद है.


डॉ. सविता ने बताया कि फिलहाल तो अभी मरीजों को कोई समस्या नहीं आ रही है, क्योंकि अभी हमारी जो जरूरत है. वह 200 एलपीएम के प्लांट से पूरी हो रही है. साथ ही जो हमने डिमांड भेजी है. वह जल्द ही प्रदेश मुख्य कार्यालय से पूरी हो जाएगी.


Input: Amit Chaudhary