अंबाला में बेसहारा पशुओं को लेकर आज किसान अनाज मंडी में इकट्ठा हुए और सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि वे शाम तक पशुओं को यहां इकट्ठा करेंगे और उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा कि इन पशुओं का क्या करना है.
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अंबाला में बेसहारा पशुओं को लेकर आज किसान अनाज मंडी में इकट्ठा हुए और सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि वे शाम तक पशुओं को यहां इकट्ठा करेंगे और उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा कि इन पशुओं का क्या करना है. किसानों का आरोप है कि आवारा पशुओं की वजह से उनकी फसलें व नस्ल खराब हो रही है, जिस वजह से उन्हें पशु इकठा कर यहां लाने पड़ रहे है. किसानों ने चेतावनी दी है कि इस प्रदर्शन से भी बात नहीं बनी तो अगली बार विधायक व मंत्री के घर के बाहर पशु बांधे जाएंगे.
शहर भर से बेसहारा पशुओं को ट्राली में भरकर किसान शहर की अनाज मंडी पहुंचे. शहर में दिन-ब-दिन आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है. आवारा पशुओं की वजह से रोजाना हादसे होते हैं और कई लोग चोटिल होते हैं. इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए किसानों ने एक कदम आगे बढ़ाया है और सरकार से इस समस्या का समाधान करने की अनोखी तरीके में अपील की है. आवारा पशुओं को ट्राली में भरकर अनाज मंडी पहुंचे किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक बार पहले भी वह इसी तरह से पशुओं को भरकर अनाज मंडी पहुंचे थे. प्रदर्शन भी किया था तो साल के अंदर उनका यह दूसरा प्रदर्शन है, लेकिन गूंगी बहरी सरकार कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है.
आवारा पशुओं की वजह से दिन-ब-दिन हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही. इसलिए भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह की तरफ से यह पहल की गई है कि किसानों के कानों तक आवाज़ पहुंचाई जाए और यह समस्या जल्द से जल्द सुलझाई जाए सरकार की तरफ से आश्वासन दिया था कि जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा. अब किसानों का कहना है कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो वह आगे बनाई गई रणनीति के अनुसार या तो विधायक व मंत्री के आवास स्थान पहुंचकर इन आवारा पशुओं को वहीं बांध देंगे और चारे पानी का प्रबंध करेंगे. किसी अधिकारी के निवास स्थान पर इन आवारा पशुओं को छोड़ा जाएगा.
आवारा पशुओं की समस्या को लेकर जब मौके पर मौजूद ड्यूटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज वह मौके पर पहुंचे हैं. किसानों से बातचीत भी की है जल्द ही सहमति बनने के असर है और गौशालाओं के बारे में भी किसानों को बताया है लेकिन किसानों का कहना है कि जो गौशालाएं बताई गई है. वह काफी दूर है उन्हें पास की गौशाला प्रदान की जाए इस पर भी काम किया जाएगा.