लोन रिकवरी के लिए बैंक ने रोकी किसानों के की पेमेंट, सड़कों पर लेटकर किया जोरदार प्रदर्शन
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लोन रिकवरी के लिए बैंक ने रोकी किसानों के की पेमेंट, सड़कों पर लेटकर किया जोरदार प्रदर्शन

किसान के खाते से बैंक ने 8 लाख रुपये काट लेने पर किसानों ने आज सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया. जब किसान ने इस बारे बैंक के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने अपना पक्ष देने से मना कर रहे हैं और वहां से चले गए. 

लोन रिकवरी के लिए बैंक ने रोकी किसानों के की पेमेंट, सड़कों पर लेटकर किया जोरदार प्रदर्शन

चंडीगढ़ः यमुनानगर में एक किसान के खाते से PNB बैंक ने 8 लाख काट लेने पर किसानों ने आज PNB बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन किया. जब किसान ने इस बारे बैंक के मैनेजर से जाना तो उन्होंने कहा कि आपका किसी ओर बैंक से लोन लिया हुआ है, जिसके बदले में उन्होंने किसान का पैसा काट लिया. वहीं पर किसानों का कहना है कि किसान ने 8 लाख का कोई लोन नहीं लिया और उसका अभी लोन को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है, जो विचाराधीन है.

लेकिन, वहीं किसान इस बात को मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है कि उनका लोन के बदले पैसा काट लिया गया है. टिकैत ग्रुप से रतन मान मौके पर पहुंचे और धरना प्रदर्शन करते हुए सड़क पर आकर लेट गए, उनका कहना है कि जिस तरह से किसान के साथ अन्याय कर उसके पैसे काट लिए गए हैं उसी के चलते वह सड़कों पर लेटे हुए हैं, ताकि उनको न्याय मिल सके. उन्होंने कहा कि जल्द ही वह अपने उच्च अधिकारियों को इस बात को संज्ञान में लाने वाले हैं और फिर यह आंदोलन बड़ा हो सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि यदि आज बैंक किसान के पैसे वापस करने के बारे में लिखकर दे देता है तो वह है यह धरना प्रदर्शन खत्म कर देंगे. अन्यथा यहां प्रदर्शन आंदोलन का रूप ले और पूरे हरियाणा से फिर किसान यहां पर आएंगे. वहीं पर लोन लेने वाले किसान का कहना है कि उसने जो लोन लिया हुआ है वह उसने अपनी जमीन के ऊपर लिया हुआ है जिसके बदले में किसान ने बैंक को अपनी जमीन प्लज करवाई हुई है.

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किसान का कहना है कि जब लोन के बदले में मेरी जमीन गिरवी रखी हुई है तो मेरे खाते से गन्ने की पेमट काटी जा रही है, जो कि बैंक ने देने से इसलिए मना कर दी कि आपकों बैंक का लोन चुकाना है. वहीं, जब पूरे मामले को लेकर बैंक के अधिकारी से बात करनी चाहिए तो वह अपना पक्ष देने से बचते  नजर आए, तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि बैंक अधिकारी किस तरह से अपना पक्ष देने से मना कर रहे हैं और वहां से आगे चल पड़ते हैं. इस बात से लगता है कि कहीं ना कहीं बैंक पूरे मामले में बोलने से बच रहा है.

आपको बता दें कि जब किसान के गन्ने की पेमेंट बैंक में आई तो बैंक ने किसान की पेमेंट इसलिए रोक दी क्योंकि उसका दूसरे किसी बैंक से 8 लाख का लोन चल रहा था, बैंक इस किसान के खाते से लोन की रिकवरी कर रहा था जिसके चलते कोर्ट में भी केस विचाराधीन है.

 

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