Farmers Protest Latest Update: किसानों की 13 प्रमुख मांगें हैं, जिसमें लगभग 10 मांगों पर केंद्र और किसानों की सहमति बन गई है. लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून सहित 3 मांगों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है.
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Farmers Protest: MSP सहित कई मांगों को लेकर पंजाब के किसान पिछले 6 दिनों से बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच आज केंद्र सरकार और किसानों के बीच चंडीगढ़ में चौथे दौर की बैठक होगी. इससे पहले किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई तीन दौर की वार्ता असफल रही. अगर आज की बैठक में किसानों की मांगों पर सहमति बन जाती है तो आंदोलन खत्म हो सकता है.
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3 बार की वार्ता असफल
किसानों और केंद्र सरकार के बीच अब तक 3 बार वार्ता हो चुकी है, जिसमें किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई. किसान आंदोलन शुरू होने से पहले 8 और 12 फरवरी को किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच बातचीच हुई, जिसमें मांगे नहीं माने जाने के बाद किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया. वहीं आंदोलन शुरू होने के बाद 15 फरवरी को फिर एक बार किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक हुई, जिसमें भी कोई हल नहीं निकल सका. अब आज एक बार फिर चंडीगढ़ में किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक होगी, जिसमें किसानों की मांगों को लेकर सहमति बन सकती है.
किसानों की प्रमुख मांगें-
- MSP पर फसलों की खरीद की गारंटी का कानून
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हो
- किसानों, मजदूरों का कर्जा माफ हो
- 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपए मजदूरी
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों के लिए कड़ा कानून
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए
किसानों की 13 प्रमुख मांगें हैं, जिसमें लगभग 10 मांगों पर केंद्र और किसानों की सहमति बन गई है. लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन की मांग पर अब तक केंद्र और किसानों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. यही वजह है कि किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है.
हरियाणा के किसानों का समर्थन
पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा के किसानों का भी समर्थन मिल सकता है. आज भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने कुरुक्षेत्र में किसान-खाप पंचायत बुलाई है, इसमें किसानों के प्रदर्शन को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है.
इंटरनेट पर बैन
किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के 7 जिले अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में एक बार फिर 19 फरवरी को रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर बैन बढ़ा दिया गया है.