भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य देव हैं. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थि तिथि को देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व उत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आने वाले 31 अगस्त को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. किसी भी मंगल कार्य का शुभारंभ करने से पूर्व भगवान गणेश को याद किया जाता है.
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राकेश कुमार/नई दिल्लीः इस बार गणेश (Ganesh Chaturthi) की मूर्तियों के साथ ही अलग तरह की कलाकृतियां भी तैयार की जा रही है. इस बार आपको श्रीराम मंदिर के दर्शन करने के लिए अयोध्या नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि आपको गणेश चतुर्थी के पंडाल में ही भव्य श्रीराम मंदिर के दर्शन हो जाएंगे. उत्तर पूर्वी दिल्ली ज्योति नगर इलाके में यह कलाकार मूर्ति बनाकर अपने और अपने परिवार का लालन पालन करते हैं.
कोविड काल में जहां भीड़-भाड़ के साथ मूर्ति विसर्जन पर रोक होने की वजह से श्रद्धालुओं को बड़ी बजाय छोटी मूर्तियों से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन इस बार यह कलाकार बेहद भव्य और आकर्षक मूर्तियां तैयार कर रहे हैं. कलाकारों की मानें तो गणेश चतुर्थी के त्यौहार पर विसर्जन के लिए छोटी बड़ी हर तरह की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं.
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विसर्जन शुभ मुहूर्त
गौरतलब है कि इस साल 31 अगस्त बुधवार के दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि है. बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस महत्व को और भी कई गुणा बढा रहा है. क्योंकि गणेशजी स्वयं बुधवार के देवता हैं. गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर होगा, जबकि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन 31 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा.
गणेश चतुर्थी हर साल की तरह इस साल भी भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी. इस चतुर्थी को सिद्धि विनायक व्रत के नाम से भी जाना जाता है. देश के कई भागों में इस दिन गणेशजी की प्रतिमा को बैठकर लोग इनकी श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं. इस साल 31 अगस्त दिन बुधवार के दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि है.
बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी स्वयं बुधवार के देवता हैं. गणेश चतुर्थी राजधानी दिल्ली समेत पूरे भारत में मनाई जाती हैं. शनिवार को मनाने के लिए भगवान गणेश की मूर्तियां सजने लगी है तरह-तरह की मूर्तियां मूर्ति बनाने वाले कलाकार भगवान गणेश की सुंदर सुंदर मूर्ति बना रहे हैं.
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यह नजारा है उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर इलाके का जहां पर भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले कलाकार अपना जीवन यापन करते हैं. इन मूर्ति कलाकारों का कहना था कि इस बार मूर्तियों पर भी महंगाई की मार पड़ रही है. इन कलाकारों ने भगवान गणेश की तरह तरह की मूर्तियां बनाई है. छोटी से छोटी मूर्ति से लेकर बड़ी-बड़ी मूर्तियां यह कलाकार बना रहे हैं.
इस दिन मंदिरों से लेकर घर-घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाएगी और पूरे 10 दिनों तक बप्पा की आराधना के बाद शीघ्र आने की कामना के साथ उनका विसर्जन किया जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेशोत्सव के दौरान बप्पा अपने भक्तों के बीच रहते हैं और उनके सभी दुखों का हरण करते हैं.