Ganesh Jayanti 2023: कब है गणेश जयंती? जानें डेट, पूजा विधि, मुहूर्त और क्यों वर्जित है चंद्र दर्शन
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Ganesh Jayanti 2023: कब है गणेश जयंती? जानें डेट, पूजा विधि, मुहूर्त और क्यों वर्जित है चंद्र दर्शन

Ganesh Jayanti 2023 Date: चतुर्थी तिथि 24 जनवरी की दोपहर से शुरू होगी और 25 जनवरी को दोपहर में खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार गणेश जयंती 25 जनवरी को मनाई जाएगी.

Ganesh Jayanti 2023: कब है गणेश जयंती? जानें डेट, पूजा विधि, मुहूर्त और क्यों वर्जित है चंद्र दर्शन

Ganesh Jayanti 2023: भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था.माघ विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस साल गणेश जयंती 24 या फिर 25 जनवरी को मनाई जाएगी, इसे लेकर सभी लोगों में कन्फ्यूज है. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो ये आर्टिकल आपके काम का है.  

चतुर्थी तिथि 24 जनवरी की दोपहर से शुरू होगी और 25 जनवरी को दोपहर में खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार गणेश जयंती 25 जनवरी को मनाई जाएगी. बुधवार के दिन गणेश जयंती पड़ने से इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा. 

गणेश जयंती (Ganesh Jayanti)- 25 जनवरी
चतुर्थी तिथि  शुरू- 24 जनवरी दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से 25 जनवरी दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 29 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
रवि योग- सुबह 06 बजकर 44 मिनट से 08 बजकर 05 मिनट तक
परिघ योग- 24 जनवरी को रात 9 बजकर 36 मिनट से 25 जनवरी शाम 6 बजकर 15 मिनट तक
शिव योग- 25 जनवरी शाम 6 बजकर 15 मिनट से  26 जनवरी  सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक

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गणेश जयंती पूजा विधि (Ganesh Jayanti Puja Vidhi)
गणेश जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान करें और फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करे. सबसे पहले भगवान गणेश की प्रतिमा को स्नान कराएं, उसके बाद चंदन, फूल, माला, धूप अर्पित करें. 'गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं. उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्' मंत्र का जाप करते हुए  21 दूर्वा की गांठ चढ़ाएं. भगवान को भोग लगाएं और फिर परिवार सहित आरती करें. ऐसा करने से गणपति बप्पा की कृपा से सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं और मनोकामना पूरी होती है. 

पंचक में पड़ेगा गणेश जयंती का व्रत
23 जनवरी की दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से पंचक की शुरुआत होगी, जो 27 जनवरी शाम 6 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होंगे. 25 जनवरी को गणेश जयंती पंचक में मनाई जाएगी. 

वर्जित चन्द्रदर्शन का समय - सुबह 09 बजकर 58 मिनट से रात 10 बजकर 01 मिनट तक
शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन इन्द्र देवता ने भगवान गणेश के रूप का मजाक बनाया था,जिसकी वजह से उन्होंने शाप दिया था. इस दिन चांद देखने वाले व्यक्ति पर झूठा कलंक लगता है. 

Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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