गरुड़ पुराण सनातन धर्म का बहुत महत्वपूर्ण ग्रंथ है. इसमें इंसान के पूरे जीवन यानी जन्म से लेकर मृत्यू और बाद में स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है. साथ ही इसमें ऐसे 5 लोगों के बारे में बताया गया है, जिनके घर पर भोजन नहीं करना चाहिए.
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Garuda Purana: हिंदू धर्म में 18 महापुराण हैं, इनमें से एक गरुड़ पुराण है. हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण का बहुत महत्व है. इस पुराण को वैष्णव संप्रदाय का महत्वपूर्ण ग्रंथ भी कहा गया है. इसमें भगवान विष्णु द्वारा जीवन, मृत्यु, स्वर्ग, नरक और पाप-पुण्य के कर्मों को विस्तारपूर्वक बताया गया है.
वहीं इस ग्रंथ के आचारखंड के अनुसार, कुछ लोगों के घर पर भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसे लोगों के घर पर भोजन करने से आप पाप के भोगी बनते हैं. आइये जानते हैं कौन हैं वो लोग, जिनके घर पर भोजन नहीं करना चाहिए.
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पीड़ित व्यक्ति के घर
अगर आप किसी रोगी व्यक्ति के घर पर कभी भोजन करते हैं तो ये बहुत गलत होता है . ऐसा इसलिए क्योंकि रोगी व्यक्ति स्वयं शारीरिक परेशानियों से ग्रसित रहता है. ऐसे में इनके घर पर भोजन कर आप इन्हें और कष्ट दे सकते हैं. इसलिए रोगी व्यक्ति के घर जब भी कोई उनका हाल पूछने जाता है तो खाली हाथ नहीं जाता, बल्कि उनके लिए फल या खाने-पीने की चीजें साथ लेकर जाता है.
किन्नर के घर
किन्नर को भोजन कराने या दान देना बहुत पुण्य होता है, लेकिन इनके घर कभी भोजन नहीं करना चाहिए. इसका कारण यह है कि किन्नर कई तरह के लोगों से पैसा मांगते हैं, जिनमें अच्छे और बुरे भी होते हैं. इसलिए इनके घर पर भोजन करने की मनाही होती है.
चोर या डाकू के घर
गरुड़ पुराण के अनुसार, चोर, बदमाश, डाकू, लुटेरे और अपराधी गलत तरीके से धन अर्जित करते हैं. इसलिए इनके कमाए धन से भोजन नहीं करना चाहिए. अपराधिक कामों से जुड़े लोगों के घर भोजन नहीं करना चाहिए और न ही ऐसे लोगों से संबंध रखने चाहिए.
साहूकार के घर
गरुड़ पुराण के अनुसारसाहूकार या सूदखोर व्यक्ति के घर भोजन नहीं करना चाहिए. इसके पीछे का कारण यह है कि असहाय और जरूरतमंद लोगों को साहूकार से मदद तो मिल जाती है, लेकिन इसके बदले उन्हें मोटा ब्याज भी चुकाना पड़ता है. लोग दुखी मन और कठिन मेहनत के बाद ही साहूकार का पैसा चुका पाते हैं. ये लोग दूसरों की मजबूरी या परेशानी का फायदा उठाते हैं और उनके कठिन परिस्थिति को धन कमाने का साधन बनाते हैं. इसलिए ऐसे लोगों के घर भोजन न करें, जिनके घर पर दूसरों की तकलीफ से कमाए धन से भोजन बनता हो.