डेढ़ करोड़ के लालच में मकान मालिक बन बैठा हैवान, PHD स्कॉलर के कर दिए टुकड़े-टुकड़े
गाजियाबाद में पैसों के लिए किराए पर रह रहे PHD स्कॉलर अंकित की मकान मालिक ने कर दी. इसके बाद मकान मालिक ने अंकित के लाश के टुकड़े कर दोस्तों की मदद से गंग नहर में फेंक दिए.
पीयूष गौड़/गाजियाबादः गाजियाबाद के थाना मोदीनगर इलाके में रुपयों के लालच में नृशंस हत्याकांड का मामला सामने आया है जहां मोदी नगर के राधा कुंज इलाके में किराए पर रहने वाले PHD स्कॉलर की गला दबाकर हत्या करने के बाद, उसके शव के टुकड़े ठिकाने लगाने के उद्देश्य से अलग-अलग स्थानों पर डाल दिया. अंकित खोकर नाम का PHD स्कॉलर जिसने अभी हाल में ही अपनी PHD लखनऊ जमा कराई थी किराए पर मोदीनगर रहता था. अंकित को अभी हाल में ही अपनी पुश्तैनी जमीन बेच कर एक से डेढ़ करोड़ रुपये अकाउंट में जमा कराए थे और यही रकम उसकी जान की दुश्मन बन गई.
अंकित को उसके मकान मालिक उमेश ने भरोसे में लेकर बिजनेस करने के लिए लाखों रुपये उधार ले लिए, अंकित उमेश के घर में 8 साल से रह रहा था और उमेश की पत्नी को अपनी बहन मानता था, जिसके चलते उसने विश्वास में आकर लाखों रुपये उमेश को उधार में दे दिए, जिसके बाद उमेश के मन में लालच आया और उसने अंकित से उसके अकाउंट में बाकी पैसों को हथियाने के लिए उमेश की हत्या की खौफनाक घटना को अंजाम दिया.
गला दबाकर की अंकित की हत्या
मिली जानकारी के मुताबिक, उमेश ने 6 अक्टूबर को बाजार से आरी और बड़ी पन्नी लाकर पहले अंकित को गला दबाकर मार दिया. उसके बाद उसके तीन टुकड़े कर उसके शव को मुजफ्फरनगर की खतौली नहर ईस्टर्न पेरीफेरल वे और मसूरी नहर में फेंक दिया. इसके बाद उसके अकाउंट से 40 लाख रुपये ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए और अंकित के मोबाइल क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड आदि भी अपने पास रख लिए, जिनसे वह लगातार पैसे निकालता रहा.
उमेश ने अपने साथी प्रवेश को उसके डेबिट कार्ड देकर उत्तराखंड से पैसे निकालने के लिए भेज दिया और यह भी हिदायत दी कि वह साथ में मोबाइल लेकर ना जाए ताकि पुलिस सर्विलांस के माध्यम से उस तक पहुंच सके. इधर अंकित के दोस्त अंकित की कोई खोज खबर ना पाकर परेशान हो रहे थे क्योंकि अंकित ने अभी हाल में ही अपनी PHD जमा कराई थी और विदेश जाने की तैयारी कर रहा था. अंकित दोस्तों के साथ काफी हंसमुख और मेधावी था.
अंकित फोन और व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे थे मकान मालिक
इस वजह से सभी लोग उसके संपर्क में रहते थे पर काफी दिनों से जब अंकित उनके फोन नहीं उठा रहा था और केवल व्हाट्सएप मैसेज के द्वारा बात कर रहा था और मैसेज में लिख कर जा रही स्पेलिंग भी गलत लिखी जा रही थी तो दोस्तों को कुछ शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने मोदीनगर थाने में अंकित की गुमशुदगी दर्ज करवा दी. पुलिस ने जब अपनी जांच आगे बढ़ाई तो अंकित के मकान मालिक उमेश पर शक गहराया. जब सख्ती से पूछताछ की तो उमेश ने सारा मामला उगल दिया.
एक बार भी तो पुलिस अधिकारी भी भी इस संगीन हत्याकांड से हैरान हो गए. अब पुलिस उमेश के खिलाफ सारे सबूत जुटाकर सख्त कार्रवाई की बात कह रही है. दिल्ली के श्रद्धा कांड के बाद लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. जहां हत्यारोपी शब के टुकड़े और फोन के माध्यम से सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर समाज और पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की प्रयास करते नजर आ रहे हैं.