Ghaziabad News: पाई-पाई जोड़कर खरीदा था घर, कोर्ट के आदेश के बाद अब घर गिराने के लिए लाउडस्पीकर बजा रहा है प्रशासन
Ghaziabad News: गाजियाबाद के सेक्टर 1 वसुंधरा में आवास विकास क्षेत्र में साल 2012 में बनी एक बिल्डिंग को निजी बिल्डर द्वारा बनाई गई थी. इस बिल्डिंग में लगभग 24 परिवार रहते हैं, जिनको 5 अगस्त तक का समय दिया गया है कि सभी लोग इस बिल्डिंग को खाली कर दें.
Ghaziabad News: गाजियाबाद के सेक्टर 1 वसुंधरा में आवास विकास एरिया में बनी एक बिल्डिंग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आवास विकास की ओर से अब लाउडस्पीकर बजाकर घर खाली करने के लिए निर्देश दिया जा रहा है, जिस वजह से लोगों की धड़कन बढ़ती जा रही है.
बिल्डिंग पर ले चुके हैं लोन
आवास विकास क्षेत्र में साल 2012 में बनी इस बिल्डिंग को निजी बिल्डर द्वारा बनाई गई थी. इस बिल्डिंग में लगभग 24 परिवार रहते हैं, जिनको 5 अगस्त तक का समय दिया गया है कि सभी लोग इस बिल्डिंग को खाली कर दें. क्योंकि बिल्डिंग आवास विकास के मानकों के विरुद्ध बनी है, लेकिन वहीं बिल्डिंग में रह रहे सभी निवासियों का कहना है कि उन्होंने बैंक से लोन लेकर फ्लैट खरीदी थी. ऐसे में लोगों का कहना है कि अगर बिल्डिंग मानकों के ऊपर नहीं बनी है फिर इसपर लोन कैसे मिला. लोगों ने बेफिक्र होकर यहां पर फ्लैट खरीदा, लेकिन अब उल्टे कुछ और ही हो रहा है.
लोगों को सता रही है चिंता
यहां रहने वाले लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि ये अपने समान और अपने छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएं. वहीं अब लगातार बिल्डिंग पर नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं और साथ ही साथ अनाउंसमेंट के साथ मुनादी भी की जा रही है. आवास विकास द्वारा 5 तारीख का अल्टीमेटम भी भवन स्वामी को दे दिया गया है. यहां रह रहे लोगों का कहना है कि बिल्डर ने पास कराए नक्शे के हिसाब से यहां निर्माण नहीं कराया जिसकी उन्हें जानकारी नहीं थी. बिल्डर ने यहां पर 3BHK के बजाय 1 BHK के फ्लैट बनाकर बेच दिए.
महिला की RTI के बाद कार्रवाई
उनका कहना है कि किसी महिला ने आरटीआई लगाकर कोर्ट में अवैध निर्माण की शिकायत की, जिसके बाद कोर्ट ने इस निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश आवास विकास को दिए, लेकिन सवाल है कि जब बिल्डर अवैध तरीके से निर्माण कर इस फ्लैटों को बेच रहा था तब संबंधित अधिकारी और आवास विकास ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया. अब जब लोग अपने जीवनभर की पूंजी लगा यहां फ्लैट कई साल पहले ही खरीद चुके हैं ऐसे में अब ये क्या करें इन्हें खुद भी समझ नहीं आ रहा. लोगों का कहना है कि वे लोग भी कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखेंगे.
INPUT- Piyush Gaur